मप्र के इंदौर संभाग में 2 साल में 266 किसान दे चुके जान

Last Updated 20 Mar 2017 04:19:45 PM IST

हर साल कृषि कर्मण पुरस्कार जीतने वाले मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग में बीते दो वर्षो में 266 किसानों और खेतिहर मजूदर आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें से चार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने कर्ज न चुका पाने के चलते आत्महत्या की.


(फाइल फोटो)

सोमवार को विधानसभा में यह आंकड़ा प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिया. कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने प्रश्नकाल में बीते दो वर्षो में इंदौर संभाग में किसानों व खेतिहर मजदूरों की आत्महत्या संबंधी सवाल पूछा. इस सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री सिंह ने बताया कि गृह विभाग द्वारा किसान व कृषक मजदूरों की आत्महत्या के आंकड़े विशिष्ट रूप से संकलित नहीं किए जाते. अस्वाभाविक मौतों की जांच में पाया गया कि इंदौर में बीते दो वर्षो में 266 व्यक्तियों ने आत्महत्या की, जिनका व्यवसाय कृषि था.



उन्होंने बताया कि आत्महत्या करने वालों में से चार किसानों ने कर्ज चुकाने में असमर्थता के चलते आत्महत्या कर ली. दो किसानों ने सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें कर्ज बकाया होने का जिक्र है. वहीं एक किसान ने बिजली बिल के बकाया होने के चलते आत्महत्या कर ली, मगर उसका सुसाइड नोट नहीं मिला है.

सरकार की ओर से जारी एक जनवरी, 2015 से 15 फरवरी, 2017 तक का आंकड़ा बताता है कि इस अवधि में 450 किसानों और मजदूरों ने आत्महत्या की है. झाबुआ में सबसे ज्यादा 128 किसानों ने आत्महत्या की. धार जिले में 127 और खरगोन में 103 किसानों ने जान दे दी.

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment