झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने मनीलांड्रिंग मामले में दर्ज की एफआईआर

Last Updated 22 Jul 2022 04:23:57 PM IST

अब झारखंड सरकार में क्रांगेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम भी ईडी की कार्रवाई की जद में आ गये हैं।


साहिबगंज जिले के बड़हरवा में टेंडर से जुड़े एक विवाद में मनीलांड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट के प्रतिनिधि और झामुमो नेता पंकज मिश्र सहित 11 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।

गौरतलब है कि आलमगीर आलम झारखंड सरकार में संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हैं। वह विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं। वरिष्ठता के लिहाज से उन्हें सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर टू माना जाता है।

ईडी ने आलमगीर आलम को जिस मामले में नामजद आरोपी बनाया है, वह जून 2020 में साहेबगंज के बड़हरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती को लेकर हुए टेंडर विवाद से संबंधित है। आरोप है कि शंभु नंदन नामक एक ठेकेदार पर पॉलिटिकल प्रेशर बनाकर इस टेंडर में भाग लेने से रोका गया था। इस मामले में बरहेट के विधायक प्रतिनिधि और झामुमो नेता पंकज मिश्रा का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। इस ऑडियो में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की ओर से ठेकेदार शंभु नंदन को टेंडर नहीं डालने की चेतावनी दी गयी थी। इसके आधार पर ठेकेदार शंभु नंदन की शिकायत पर मंत्री आलमगीर आलम, विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। मंत्री आलमगीर आलम ने तब इसे बदनाम करने की साजिश बताया था। यह शिकायत दर्ज कराने वाले ठेकेदार शंभु नंदन के खिलाफ भी दो लोगों ने काउंटर एफआईआर की थी। बीते अप्रैल महीने में ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अब जाकर एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।

एफआईआर में आलमगीर आलम और पंकज मिश्र के अलावा जिन अन्य लोगों को नामजद किया गया है, उनमें तपन सिंह, दिलीप शाह, इस्तेकार आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, राजीव रंजन शर्मा, संजय रमानी और टिंकू रज्जक अंसारी शामिल हैं। मामले की आगे की जांच के लिए ईडी पंकज मिश्र को छह दिन की रिमांड पर लेकर गुरुवार से पूछताछ कर रही है।

आईएएनएस
रांची


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