झारखंड विधानसभा में 91 हजार 277 करोड़ रुपये का बजट पेश, कोई नया कर नहीं

Last Updated 03 Mar 2021 07:03:01 PM IST

झारखंड विधानसभा में आज राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेर उरांव ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 91 हजार 277 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें कोई नये कर का प्रावधान नहीं है जबकि पहली बार 11 विभागों के लिए आउटकम बजट का प्रावधान किया गया है।


झारखंड विधानसभा

बजट में राजस्व व्यय के लिए 75755.01 करोड़ रुपये तथा पूंजीगत व्यय 15.521.99 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पहली बार 11 विभागों के लिए आउटकम बजट पेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य बजट राशि खर्च करने में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करना है।
विधानसभा में दोपहर बारह बजे से जैसे ही वित्तमंत्री डॉ. रामेर उरांव ने बजट भाषण शुरू किया, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों की ओर से भी समानांतर भाषण शुरू कर दिया गया। भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह भी पूरे बजट भाषण के दौरान समानांतर भाषण देते रहे। इस दौरान वेल में आकर धरना पर बैठे विपक्षी सदस्य बीच-बीच में तालियां बजाकर उनका स्वागत करते रहे, जबकि भाजपा विधायक सीपी सिंह को प्रतिकात्मक रूप से विपक्ष की ओर से स्पीकर बनाया गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में ग्रामीण विकास, जल संसाधन, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विकास के लिए समेकित रूप से 18653 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है, जो कोरोना महामारी की विषय परिस्थितियों के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-21 से लगभगत 11 प्रतिशत अधिक है। आगामी वित्तीय वर्ष में कृषि ऋण माफी के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पलाश ब्राण्ड के जरिये एक नयी पहचान देकर दो लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक लगभग एक करोड़ रुपये का कारोबार किया गया है और आगामी वित्तीय वर्ष में इस योजना का विस्तार तेजी से किया जाएगा।

मनरेगा योजना के अंतर्गत 1,150 लाख मानव दिवस सृजन किया गया और मजदूरी दर को 194 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 25 हजार एकड़ भूमि पर इस कार्य को कराने का लक्ष्य रखा गया है।  स्वस्थ समाज की परिकल्पना को लेकर गुरुजी किचन योजना नामक एक नयी योजना की शुरुआत वर्ष 2021-22 में की जाएगी। जबकि 15 लाख लाभुकों को पांच किलोग्राम चावल एक रुपये प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर पर उपलब्ध करायी जाएगी। वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अनुदानित दर पर धोती, साड़ी और लुंगी का वितरण किया जाएगा।
              श्री उरांव ने बताया कि वर्ष 2024 तक राज्य के सभी 58 लाख 95 हजार से अधिक परिवारों को नल जलापूर्ति योजना का लाभ उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, इसके तहत 2021-22 में कवरेज को 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया गया है। जलजीवन मिशन के तहत 15 हजार एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना का भी निर्माण किया जा रहा है। वहीं मरड़ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छावृत्ति योजना के तहत 10 आदिवासी युवाओं को देश से बाहर उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और दिव्यांगजन के युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण राशि का 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम पांच लाख का अनुदान देने की योजना बनायी गयी है।
            डॉ. उरांव ने कहा कि कुपोषण हटाने की दिशा में साझा पोषण कार्यक्रम की शुरुआत करने और सार्वभौगिक पेंशन योजना की शुरू की जाएगी। झारखंड खुला विश्वविद्यालय की स्थापना होगी।  वहीं, शहरी क्षेा को हरा भरा करने के लिए शहरी वानिकी योजना नामक नई योजना की शुरुआत की जाएगी
             वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जीवन और जीविकोपार्जन के आयाम को सुदृढ़ करने के प्रयास में जुटी है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के कारण उत्पन्न तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार हर जरूरतमंद परिवार को भोजन, आवास और अन्य आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
             डॉ. उरांव ने बताया कि घोषणा के अनुरूप किसानों के कर्जमाफी को लेकर चालू वर्ष के बजट में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और आगामी वर्ष के लिए भी 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 50 हजार रुपये तक का कृषि ऋण माफ किया जाना है, यह राशि कृषि ऋण लेने वाले किसानों के बैंक खाते में ट्रांसर्फर कर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में योजना के तहत करीब 1000 करोड़ रुपये की राशि किसानों की ऋण माफी के लिए बैंकों को हस्तांतरित कर दिये जाने की उम्मीद है, वहीं आगामी बजट के 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और जरूरत पड़ने पर अनुपूरक बजट के माध्यम से राशि का प्रावधान किया जाएगा।
            वित्त मंत्री ने बताया कि चुनावी वायदे के अनुरूप राज्य सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए आंकड़े इकट्ठे किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल के कारण बेरोजगारी भत्ता को मूर्त्त रूप नहीं दिया जा सका है, गठबंधन सरकार इस वायदे को भी पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए 453 करोड़, प्रत्येक प्रखंड में मॉडल स्कूल के लिए 450 करोड़ रुपये, लूंगी धोती साड़ी योजना के तहत 331 करोड़, पेंशन के लिए 365 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत -अभी 11 प्रतिशत घरों तक नल जल की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकी है। आगामी वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।
             डॉ. उरांव ने बताया कि राज्य में दूध उत्पादन को 73 लाख लीटर से बढ़ाकर 80 लाख लीटर करने और मछली उत्पदन को 1.90 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2.61 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले बजट सा के चौथे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर जमकर हंगामा देखने को मिला। भाजपा विधायक भगवा रंग की टी-शर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे, जिसको लेकर सत्ता पक्ष की ओर से नाराजगी जताई गई।
             विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि बैनर लिखा टी-शर्ट पहन कर आने की परिपाटी नहीं रही है। पिछले बार भी जब इस तरह की बात सामने आई थी तो बैनर लिखे टी-शर्ट उतारने पड़े थे। इसके साथ ही कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। दूसरी तरफ बीजेपी विधायकों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग को लेकर वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने भगवा टी-शर्ट नहीं पहनने का आग्रह किया लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। इस बीच विपक्ष के किसी सदस्य की ओर से विसिल बजाई गई, जिससे नाराज स्पीकर ने मार्शल को विसिल सील को जब्त करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सुबह 11:14 बजे सदन की कार्यवाही को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

वार्ता
रांची


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