झारखंड का 75,673 करोड़ रुपये का बजट पेश, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 75,673.41 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है.
झारखंड बजट का 2017-18 बजट पेश |
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि शिक्षा और ग्रामीण विकास को इसमें प्राथमिकता दी गई है. इन क्षेत्रों में कुल बजट आवंटन का क्रमश: 13.90 प्रतिशत और 13.84 प्रतिशत आवंटन किया गया है.
आदिवासी भूमि से जुड़े सीएनटी एवं एसपीटी अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन के खिलाफ जारी मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विरोध और सदन से बहिर्गमन के बीच मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में बजट पेश किया.
बजट में राजस्व व्यय के लिए 57,861.32 करोड़ रुपये एवं पूंजीगत व्यय के लिए 17,812.10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इस वर्ष का बजट पिछले वर्ष के बजट अनुमान से 19.17 प्रतिशत अधिक है जबकि पुनर्निधारित अनुमान के अनुसार इस वर्ष की बजट राशि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.63 प्रतिशत अधिक है.
आगामी वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने 6,947.83 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो कुल बजटीय राशि का 2.29 प्रतिशत है. राज्य सरकार ने आगामी वित्त वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है.
सरकार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष शिक्षा एवं कौशल विकास ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज के साथ कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में अधिकतर बजटीय राशि व्यय करने का प्रावधान किया है.
राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में राजस्व व्यय में कुल 18.66 प्रतिशत वृद्धि करते हुए इसकी राशि 57,861.32 करोड़ रुपये रखी है, जबकि पूंजी व्यय में पिछले वित्तवर्ष की कुल राशि 14,740.77 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 17,812.10 करोड़ रुपये रखी है, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20.84 प्रतिशत अधिक है.
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