किसानों का पूरा कर्ज माफ करने का वादा पूरा करे भूपेश सरकार: जोगी

Last Updated 09 Jan 2019 03:55:23 PM IST

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी ने भूपेश सरकार से किसानों से किए वादे के अनुसार उनके पूरे कर्ज माफ करने और राज्य की भावी पीढ़ी को बचाने के लिए वादे के मुताबिक पूर्ण शराबबंदी को लागू करने का अनुरोध किया है।


छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (फाइल फोटो)

पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरूआत करते हुए राज्य सरकार के शपथ लेने के महज चार दिन में ही कर्जमाफी की अधिसूचना जारी कर दिए जाने को सराहनीय कदम बताते हुए इसमें किसानों के मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋण माफ नहीं किए जाने और रिजर्व बैंक द्वारा संचालित बैकों के भी ऋण माफ नहीं किए जाने के उल्लेख को गलत बताया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में 10 से अधिक स्थानों पर किसानों के पूरे कर्जमाफी की बात की थी, इस कारण चार प्रकार के ऋण माफ नहीं होने का अधिसूचना में उल्लेख होना गलत है।

उन्होंने कहा कि वादे के अनुसार सरकार को अधिसूचना की चौथी कंडिका में इस उल्लेख को हटा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान अल्पकालीन ऋणों की वजह से आत्महत्या नहीं करता है बल्कि मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋणों और साहूकारों से लिए ऋणों की वजह से करता है जिसकी माफी नहीं हो रही है।

कृषि क्षेत्र के जानकारों के कुछ शोध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 72 प्रतिशत ऋण किसान साहूकारों से लेते हैं और उसकी महंगी मासिक ब्याज दरें और उनके उत्पीड़न से आत्महत्या को मजबूर होते हैं।

उन्होने कहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में लगभग तीन हजार किसानों ने आत्महत्या की, यह काफी चिन्ता की बात है। कर्नाटक और पंजाब में कांग्रेस सरकारों के ऋणमाफी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वैसी खराब स्थिति राज्य में नहीं बननी चाहिए।

जोगी ने विशेषज्ञों के निष्कर्षों का जिक्र करते हुए कर्नाटक और पंजाब की सरकारों किसानों का पूरा ऋण माफ नहीं कर सकती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार तीन वर्ष में ऐसा करने में सक्षम है। इस बारे में उसे पहल करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऋणमाफी स्थायी विकल्प नहीं है। उसकी फसल का इतना लाभकारी मूल्य मिले कि उसे कर्ज लेना ही नहीं पड़े।  

उन्होंने 2500 रूपए क्विंटल पर धान खरीद शुरू होने की सराहना करते हुए कहा कि समर्थन मूल्य देने के लिए 2800 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान करना पड़ेगा। उन्होंने ऋणमाफी 6100 करोड़ की किए जाने और अनुपूरक में इसके 2700 करोड़ के प्रावधान करने पर सवाल उठाते हुए पूर्ववर्ती सरकार के समय में किसानों से फसल बीमा के प्रीमियम के नाम पर 10 हजार करोड़ रूपए की हुई जबरिया वसूली को भी किसानों को वापस किए जाने की मांग की।

राज्य में शराब को एक सबसे बड़ी सामाजिक समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को शराब बर्बाद कर रही है। हालात इतने खराब हैं कि 10 साल के बच्चे को भी शराब पीते उन्होंने देखा है। सरकार ने पूर्ण शराबबंदी का वादा किया है तो उसे छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए यह कड़ा निर्णय लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

जोगी ने कहा कि 2003 में उनकी सरकार जाने और 15 वर्षों के भाजपा शासनकाल में शराब की खपत में 15 गुना इजाफा हुआ है। यह छत्तीसगढ़ की अमीर धरती के गरीब लोगों के साथ बहुत बड़ी साजिश है। साजिश करने वाले चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के लोग शराब पीकर मस्त रहें।

उन्होंने कहा कि यह विषय उनके लिए राजनीतिक नहीं है। सरकार से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए पूर्ण शराबबंदी करें।

वार्ता
रायपुर


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