छत्तीसगढ़: सड़क निर्माण में लगे नौ ट्रैक्टरों को नक्सलियों ने लगाई आग
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में लगे नौ ट्रैक्टरों को बीती रात नक्सलियों ने आग लगा दी.
नक्सलियों ने 9 ट्रैक्टरों को लगाई आग |
कल शाम पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में तीन जवान घायल हो गये पर नक्सलियों ने मुखबीर के शक में एक ग्रामीण की हत्या कर दी.
बस्तर पुलिस अधीक्षक डी श्रवण ने बताया कि मारडूम थाना के तहत ग्राम अमलीधार पिचिकोड़ेर इलाके में सड़क निर्माण में लगे नौ वाहनों को वाहनों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि बीस से अधिक की तादात में नक्सली वहां पहुंचे और चालकों से मारपीट की और ट्रैक्टर में आग लगा दी. घटना स्थल पर पुलिस बल रवाना कर दिया गया है और इलाके में सर्चिंग जारी है.
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के मुताबिक अबूझमाड़ की पहाड़ी पर पहली बार दंतेवाड़ा और नारायणपुर की फोर्स ने संयुक्त ऑपरेशन की रणनीति बनाई थी. रविवार रात दोनों जिलों से करीब 500 जवानों की पार्टी रवाना की गई. इसमें जिला रिजव फोर्स और स्पेशल आर्म्स फोर्स के अलावा केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवान भी शामिल हैं. दंतेवाड़ा की फोर्स पहाड़ी पर आगे बढ़ते हुए नक्सलियों के कैंप तक पहुंच चुकी थी, तभी नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया. अचानक हमले से जवान संभल पाते, इससे पहले ही ऊपर पहाड़ी में छिपे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी.
जवानों ने जवाबी फायरिंग तो की लेकिन सामने चल रहे तीन जवान सोमडू, सुनील नाग और रविंद्र यादव को सीधे गोलियां लगीं. तीनों के कमर के नीचे हिस्से में गोली लगी है. जवानों को गोली लगते ही आसपास चल रही सीआरपीएफ और नारायणपुर की फोर्स को तुरंत बुलाया गया.
इसके बाद घायल जवानों को निकालने कोशिश शुरू हो गई. ऑपरेशन में शामिल केन्द्रीय सुरक्षा बल और जिला रिजव फोर्स को बैकअप पार्टी की तरह इस्तेमाल कर घायलों को पहाड़ी से नीचे लाने की कोशिश हो रही है. यह इलाका काफी दुर्गम है. वाहन भी यहां नहीं जा सकते इसलिए पैदल ही तीनों जवानों को बेहतर उपचार के लिए रायपुर अस्पताल रवाना किया गया.
इधर नक्सलियों ने सुकमा जिले में पुलिस मुखबिरी के शक में एक ग्रामीण की हत्या कर दी. इसके पूर्व नक्सलियों ने उक्त ग्रामीण का अपहरण कर लिया था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुताबिक सुकमा जिले के गोलपल्ली थाने क्षेत्र में नक्सलियों ने तीन दिन पहले ग्रामीण वेडमा तमैया का अपहरण कर लिया. फिर उसे धर्मापेन्टा के पास भट्टीगुड़ा के जंगलों में ले जाकर डंडे से जमकर पीट-पीटकर हत्या कर दी. स्थानीय लोगों को दो दिन बाद उनकी लाश बेहद बुरी हालत में बरामद हुई.
स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. इससे पहले भी कई बार नक्सली मासूम ग्रामीण में दशहत पैदा करने के लिए ऐसी करतूतों को अंजाम दे चुके हैं.
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