भारत नहीं, तो हम आप नहीं : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि हमको भारत को दुनिया का सिरमौर बनाना है, लेकिन किसी को डरा कर नहीं. जब तक भारत है, तब तक हम आप हैं. भारत नहीं रहेगा, तो हम आप नहीं रह सकते.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (फाइल फोटो) |
भागवत ने कहा कि सत्ता एक कृत्तिम चीज है, जो आनी-जानी है. सच यह है कि एक भारतीय के नाते हमारी पहचान कायम रहे क्योंकि जब भी देश कमजोर हुआ, हमें उसका नुकसान उठाना पड़ा. आज यहां संघ के भीड़ भरे सामाजिक समरसता सम्मेलन में भागवत ने कहा कि यह सत्यमेव जयते की भूमि है.
भारत में पला बढ़ा कोई भी हो, किसी भी धर्म-सम्प्रदाय का हो, संतोष से ही सुख मिलेगा. खुद के लिए खूब बटोर रहे हो, लेकिन बांटोगे तभी सुख मिलेगा. अलगाव में सुख नहीं है, यह विज्ञान कहता है.
हमको अलगाव से लेना-देना नहीं. हमें जोड़ने वाली बातें देखनी चाहिएं. सभी के पूर्वज एक हैं. पूरी दुनिया समान पूर्वजों की वंशज है. अफगानिस्तान से लेकर श्रीलंका तक सभी का डीएन एक है. आज वि बंधुत्व वाला भारत दुनिया में इकलौता देश है. उन्होंने कहा कि कल्चर का मतलब संस्कृति नहीं है.
खानपान और कपड़े सभ्यता में आते हैं, संस्कृति नहीं हैं. विविधता के बावजूद एक देश एक राष्ट्र के कारण ही भारत चल रहा है. कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए इसे तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन जब भारत की बात आती है तो सब एक हो जाते हैं. जितना जमावड़ा बनाओगे, उतना मजबूत रहोगे.
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