बिहार में सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत से भी कम लोग : प्रशांत किशोर

Last Updated 08 Jun 2024 12:50:08 PM IST

बिहार में जहां लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के समाप्त होने के बाद सरकार ने रिक्त पदों को भरने की कवायद शुरू की है, वहीं देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक को भी अगर आप जोड़ लें, तो 2 प्रतिशत से भी कम लोग सरकारी नौकरियों में हैं।


Prashant Kishore

उन्होंने कहा, "शिक्षकों की भर्ती करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव खुद अपनी वाहवाही लूटने में लगे हैं। जो सिस्टम है, जिसे आप तंत्र कहते हैं, सरकारी नौकरियों में पूरे बिहार में 1.57 प्रतिशत लोग ही हैं। चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक को भी अगर आप जोड़ देंगे, तो 2 प्रतिशत से भी कम लोग सरकारी नौकरियों में हैं।"

प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा कि बिहार में जो व्यवस्था है, वह सिर्फ 2 प्रतिशत सरकारी नौकरी करने वाले लोगों की वजह से नहीं है। दिक्कत यह है कि जो जनप्रतिनिधि हैं, वो अधिकारियों को चुनकर बैठाते हैं। अधिकारी वैसे ही काम करता है, जैसा वो कराना चाहते हैं।

पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा, "यही नीतीश कुमार हैं, 2005 से 2010 में यही तंत्र था, यही अधिकारी थे और इन्हीं की वजह से कई क्षेत्रों में सुधार दिखा। अब वह सुधार नहीं दिख रहा है, बदहाली दिख रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि नीतीश कुमार की अपनी प्राथमिकता बदल गई है। पहले वो बिहार को सुधारने में लगे थे और अब वह कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं, तो अफसर क्या करेंगे?"

उल्लेखनीय है कि बिहार में कृषि विभाग के मंत्री मंगल पांडेय ने विभाग से रिक्त पदों का पूरा ब्योरा मांगा है, जबकि पंचायती राज विभाग और स्वास्थ्य विभाग भी जल्द ही बहाली प्रक्रिया शुरू करने वाली है।

इधर, शिक्षा विभाग भी शिक्षकों के तीसरे चरण की बहाली की तैयारी में है।

आईएएनएस
पटना


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