जब एक कर्मचारी ने CM Nitish से पूछा, आपकी जाति क्या है?

Last Updated 16 Apr 2023 12:10:42 PM IST

आपका नाम क्या है, आपके पिता का नाम क्या है, आपके पास जमीन कितनी है,आपने पढ़ाई कहां तक की है, आपकी किस जाति से आते हैं, कुछ ऐसे ही 17 सवाल शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया। सवाल भी ऐसे कर्मचारियों ने पूछा जो शायद मुख्यमंत्री के सामने कभी खड़े भी नहीं हो पाते होंगे।


nitish kumar (file photo)

जब एक कर्मचारी ने मुख्यमंत्री से पूछा, आपकी जाति क्या है?

आपका नाम क्या है, आपके पिता का नाम क्या है, आपके पास जमीन कितनी है,आपने पढ़ाई कहां तक की है, आपकी किस जाति से आते हैं, कुछ ऐसे ही 17 सवाल शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया। सवाल भी ऐसे कर्मचारियों ने पूछा जो शायद  मुख्यमंत्री के सामने कभी खड़े भी नहीं हो पाते होंगे।

 दरअसल बिहार में जातिगत जनगणना के दूसरे फेज की शुरुआत हो चुकी है। नीतीश कुमार ने अपने पैतृक गांव बख्तियारपुर से इसकी शुरुआत करवाई। नीतीश कुमार अपने परिवार के मुखिया के तौर पर जनगणना करने वाले कर्मियों के सामने उपस्थित हुए थे। उन्होंने एक आम नागरिक की तरह कर्मचारियों के एक-एक सवाल का जवाब दिया। जिस समय नीतीश कुमार जनगणना कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे, उस समय उनके परिवार का हर एक सदस्य मौजूद था।

परिवार का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को ही यह जिम्मेदारी निभानी थी। हालांकि नीतीश कुमार के इस कदम की भले ही बिहार में प्रशंसा हो रही हो लेकिन उनके धुर विरोधी आरसीपी सिंह ने चुटकी लेते हुए नीतीश कुमार से पूछ दिया कि आपको अपनी जाति बताते हुए कैसा महसूस हो रहा है। उन्होंने राम मनोहर लोहिया के आदर्शों को याद दिलाते हुए कहा कि नीतीश कुमार, जिनके पद चिन्हों पर चलने का दावा करते हैं, जिनके वसूलों का पालन करने का दंभ भरते हैं,उन्ही के वसूलों को तोड़ रहे हैं।

 राम मनोहर लोहिया हमेशा जाति तोड़ो आंदोलन चलाने की बात करते थे। वो जाति व्यवस्था के खिलाफ थे। आज नीतीश कुमार जाति  की बात कर रहे हैं। यहां बता दें कि आरसीपी सिंह वही नेता हैं जो कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी हुआ करते थे। नीतीश कुमार की बिरादरी यानी कुर्मी जाति से बिलांग करने वाले आरसीपीसी सिंह  को नीतीश कुमार ने आईएसए से इस्तीफा दिलवाया था। उन्हें राज्यसभा का मेंबर बनाया था। जदयू कोटे से केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री बनाए गए थे। आज आरसीपी सिंह खुलकर नीतीश कुमार की  खिलाफत कर रहे हैं।

 बहरहाल बिहार में जातिगत जनगणना के दूसरे फेज की शुरुआत हो चुकी है। उन कर्मचारियों के परिवार के लोग बेहद प्रसन्न हैं, जिन कर्मचारियों ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा था,  उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह मुख्यमंत्री के सामने बैठ दे पाएंगे। मुख्यमंत्री ने भी एक आम इंसान की तरह जातिगत आधारित जनगणना के इस अभियान में शामिल होकर, बिहार की जनता को एक संदेश दिया कि सब लोग गंभीरता पूर्वक इस जनगणना में शामिल हों ताकि बिहार की जातियों का सही खाका तैयार कर उनके हिसाब से उनको लाभ पहुंचाया जा सके।
 

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शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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