टिकैत ने दी आंदोलन की धमकी

Last Updated 19 Jul 2022 10:02:17 AM IST

किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को किसानों एवं किसानी के हित में मंडी व्यवस्था बहाल करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांग को दोहराया और कहा कि यदि केंद्र सरकार इस पर विचार नहीं करती है तो फिर से एक बड़ा आंदोलन होगा।


किसान नेता राकेश टिकैत

टिकैत ने सोमवार को यहां कहा, किसान एवं किसानी के हित में हर हाल में मंडी व्यवस्था बहाल होनी चाहिए। मंडी व्यवस्था को समाप्त कर बड़े व्यापारियों के कब्जे में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, यदि मंडी नहीं बची तो किसान और किसानी भी नहीं बच पाएगी।

किसान नेता ने कहा, देश में सबसे पहले मंडी व्यवस्था को समाप्त करने की शुरुआत बिहार से की गई जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार में किसान और किसानी की हालत आज कैसी है यह किसी से छुपी हुई नहीं है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में आज मंडी व्यवस्था नहीं होने से किसान पूरी तरह से परेशान है। देश में आज मंडी व्यवस्था नहीं होने से क्या स्थिति बनी है यह किसान ही बता सकते है।

टिकैत ने कहा, आने वाले समय में एमएसपी पर कानून के साथ ही मंडी व्यवस्था बने। मंडी बनने से किसान अपनी फसल को लेकर वहां जा सकते हैं। उन्हें उचित दाम भी मिलेगा। किसानों को एकजुट होने के साथ ही जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, अब लड़ाई लंबी लड़नी होगी।

किसान नेता ने कहा, पिछले दिनों किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में रहते हुए भी बिहार के लोग मदद करते थे। उन्होंने बिहार के किसान को मेहनती बताया और कहा कि सिर्फ उनमें जागरूकता की कमी है जिसके लिए वह बिहार में घूम-घूम कर उन्हें सच्चाई से अवगत कराएंगे। वह अभी अगले तीन दिनों तक बिहार में ही जगह-जगह जाकर किसानों से मिलेंगे और स्थिति से अवगत कराएंगे। अक्टूबर में वह फिर से बिहार आकर किसानों के बीच में जाएंगे।

टिकैत ने कहा, बिहार में बाढ़ और सूखा से आम लोगों के साथ ही किसान भी काफी परेशान रहते है। संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन के दौरान बिहार से किसान के साथ ही कुछ लोगों ने अपनी सक्रियता दिखाई थी उन्हें वह जोड़ेंगे। बिहार के किसान आज लाचारी में हजारों ट्रक अनाज पंजाब और हरियाणा भेज रहे हैं। बिहार के गन्ना किसानों की हालत बेहद खराब है। गन्ना किसानों को लागत मूल्य भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में किसान संगठन कमजोर है।

संगठन यदि मजबूत होगा तो इससे किसान भी लाभान्वित होंगे।  किसान नेता ने कहा, प्राकृतिक बीज रहना चाहिए। हालांकि सरकार का इस दिशा में कोई ध्यान नहीं है। कुछ राज्यों में अपने स्तर से नेचुरल सीड बैंक बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, कर्नाटक में हाइब्रिड के बाद जीएम बीज आई है जो और भी खतरनाक है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हाइब्रिड बीज को खेत में ही जलाया गया है।

वार्ता
पटना


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