गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचे, जगदीशपुर में कुंवर सिंह विजयोत्सव में होंगे शामिल

Last Updated 23 Apr 2022 01:02:47 PM IST

देश के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह शनिवार को विशेष विमान से पटना हवाई अड्डा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया।


यहां से वे हेलीकॉप्टर से बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर जाएंगे जहां 1857 में स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले महान योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव में भाग लेंगें। देश की आजादी के 75 वें साल में अमृत महोत्सव के मौके पर जगदीशपुर के दुलौर मैदान में वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव मनाया जा रहा है। इस मौके पर गृह मंत्री की उपस्थिति में 75 हजार से ज्यादा तिरंगा लहरा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। अभी तक ऐसा रिकार्ड पाकिस्तान के नाम है।

गृहमंत्री अमित शाह बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव में भाग लेने के लिए विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पर उतरे। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल सहित कई नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद हेलीकॉप्टर से जगदीशपुर के लिए रवाना होंगे। एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए।

भोजपुर में मनाए जा रहे विजयोत्सव को लेकर भाजपा कार्यकतार्ओं में गजब का उत्साह है। बिहार में भाजपा कोटे के करीब सभी मंत्री जगदीशपुर पहुंचने लगे हैे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एक पखवारे से लगे हुए हैं। स्थानीय लोग भी दुलौर मैदान में विजयोत्सव के गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैंे।

विजयोत्सव को लेकर बनाए गए मंच को जगदीशपुर किला का रूप दिया गया है। विजयोत्सव को लेकर भोजपुर के सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शनिवार सुबह प्रभातफेरी निकाली।

उल्लेखनीय है कि भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी रहे जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह को एक बेजोड़ व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है जो 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने का माद्दा रखते थे। अपने ढलते उम्र और बिगड़ते सेहत के बावजूद भी उन्होंने कभी भी अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि उनका डटकर सामना किया।

बाबू कुंवर सिंह रामगढ़ के बहादुर सिपाहियों के साथ बांदा, रीवां, आजमगढ़, बनारस, बलिया, गाजीपुर एवं गोरखपुर में परचम लहरा रहे थे। इस, बीच कुंवर सिंह को अपनी गांव की मिट्टी याद आने लगी, वे अपने गांव की मिट्टी को चूमना चाहते थे।

वे बिहार की ओर लौटने लगे, जब वे जगदीशपुर जाने के लिए गंगा पार कर रहे थे तभी उनकी बांह में एक अंग्रेज की गोली आकर लगी। उन्होंने अपनी तलवार से बांह काटकर गंगा मईया को सुपुर्द कर दिया।

इस तरह से अपनी सेना के साथ जंगलों की ओर चले गए और अंग्रेजी सेना को पराजित करके 23 अप्रैल, 1858 को जगदीशपुर पहुंचे। वह बुरी तरह से घायल थे। इस महान नायक का आखिरकार अदम्य वीरता का प्रदर्शन करते हुए 26 अप्रैल, 1858 को अंतिम सफर पर निकल गए, जहां से कोई नहीं लौटता।
 

आईएएनएस
पटना


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