बिहार सरकार के लिए चुनौती बनी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों का लौटना

Last Updated 26 May 2020 04:41:56 PM IST

बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। सरकार भी प्रवासी मजदूरों के बड़ी संख्या में लौटने को चुनौती मानते हुए इससे निपटने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।


(फाइल फोटो)

इस बीच, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का दावा है कि 20 लाख प्रवासी मजदूरों को लाया जाएगा।

सरकारी आंकडों पर गौर करें तो तो बिहार में प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों को लाने के लिए सरकार ने अब तक 1029 ट्रेनों का उपयोग किया है। सरकार का दावा है कि इस माह तक और लगभग 395 से अधिक ट्रेनों का बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आएंगी।

बिहार परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, "विभिन्न राज्यों से चली 1029 ट्रेनों से अब तक 15. 36 लाख प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को लाया गया है।"

अग्रवाल ने कहा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्घि हो रही है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "25 मई तक कुल 1029 स्पेशल ट्रेनों में से 130 ट्रेन महाराष्ट्र से, 48 ट्रेन कर्नाटक से, 52 ट्रेन हरियाणा से, 84 ट्रेन दिल्ली से, 200 ट्रेन गुजरात से, 71 ट्रेन पंजाब से और 67 ट्रेन उतर प्रदेश से बिहार पहुंची।"

परिवहन सचिव ने बताया की दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों और अन्य इच्छुक लोगों को बिहार लाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। जो भी प्रवासी श्रमिक अपने घर बिहार आने को इच्छुक हैं उन्हें स्पेशल ट्रेन द्वारा लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "इस माह के अंत तक लगभग 395 और स्पेशल ट्रेन आना प्रस्तावित है। प्रवासी श्रमिकों की सुविधा को देखते हुए जिलों के लगभग सभी मत्वपूर्ण स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव किया जा रहा है। साथ ही राज्य सरकार द्वारा अंतरजिला 28 ट्रेनों का भी परिचालन किया जा रहा है।"

उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों को ट्रेन से उतरने के बाद अपने गंतव्य तक जाने के लिए प्रत्येक दिन लगभग 4500 बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन से जिला मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय सहित विभिन्न गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को पहुंचाया जा रहा है।

इसके अलावे दूसरे राज्यों से पैदल या अन्य वाहन द्वारा आए श्रमिकों के लिए बिहार के विभिन्न बर्डर पर 800 बसों की व्यवस्था की गई है।

इस बीच सुशील मोदी के मुताबिक 20 लाख लोगों के बिहार पहुंचना है। इधर, कहा ंजा रहा है कि इन सभी लोगों को क्वारंटीन सेंटर में रखना सरकार के लिए एक चुनौती है। फिलहाल राज्य में 114 आपदा राहत केंद्र है जिसमें 40,417 लोग रह रहे हैं जबकि 14,472 क्वरांटीन सेंटरों में 11. 03 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं।

एक अधिकारी कहते हैं कि प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में पहुंचने से जहां संक्रमण का खतरा बढ़ गया है वहीं इनको क्वारंटीन करना भी अधिकारियों के लिए परेशानी बना हुआ है। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर वे कहते हैं कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद से ही संक्रमितों की संख्या में वृद्घि हुई है। इतने लोगों के आने के बाद इनकी जांच भी एक चुनौती है।

इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस स्थिति को भांपते हुए तैयार रहने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आ चुके हैं और उनके आने का सिलसिला अभी भी जारी है। इनमें काफी लोग कोरोना पॉजिटिव पाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सभी जिलों के आइसोलेशन वार्ड में बेडों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है।

आईएएनएस
पटना


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment