मजदूर संघों की महाहड़ताल से बिहार में रेल और सड़क यातायात बाधित
न्यूनतम मजदूरी और पेंशन तय करने, एनपीएस एवं श्रम कानून में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लेने जैसी कई मांगों के समर्थन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनसे संबद्ध कर्मचारी यूनियनों की आज राष्ट्रव्यापी महा हड़ताल से बिहार में समर्थकों ने जहां रेल और सड़क यातातयात बाधित किया वहीं कई छोटे-बड़े प्रतिष्ठान भी बंद देखे गए।
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राजधानी पटना में हड़ताल का मिलाजुला असर देखा जा रहा है। सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले कम वाहन देखे जा रहे हैं। इस हड़ताल को ऑटो रिक्शा चालक संघ के भी समर्थन देने का निर्णय लिया है। इसका असर भी सड़क यातायात पर देखा जा रहा है।
हड़ताल के मद्देनजर बड़े प्रतिष्ठान मालिकों ने सुरक्षा को लेकर अपने-अपने प्रतिष्ठान को बंद रखा है। हालांकि कुछ छोटी दुकानें खुली हैं।
बंद को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। राजधानी के प्रमुख डाकबंगला चौराहा और पटना जंक्शन के निकट अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गयी है। बैंक और बीमा कंपनी के कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण आम दिनों की तरह सड़कों पर भीड़-भाड़ नहीं देखी जा रही है।
दरभंगा से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दरभंगा से खुलने वाली (डीजल मल्टीपल यूनिट) डीएमयू सवारी गाड़ी को बंद समर्थकों ने रोक दिया है। ट्रेड यूनियन से जुड़े लोग बड़ी संख्या में झंडा और बैनर के साथ दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं।
नवादा से प्राप्त समाचार के अनुसार, मजदूर संघ से जुड़े भारी संख्या में लोग झंडा और बैनर लेकर सड़कों पर जुलूस निकाल कर सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। दुकानों को बंद रखने की अपील की जा रही है। सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले यातायात भी कम देखे जा रहे हैं।
आरा,समस्तीपुर, भागलपुर, जहानाबाद और गया में भी बंद समर्थकों ने जुलूस निकाला और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाये ।
गौरतलब है कि देश के दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आवाह्नन पर आज देशव्यापी हड़ताल का आवाह्नन किया गया है। इस हड़ताल को वामदलों का भी समर्थन प्राप्त है जबकि बिहार की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) भी इसका समर्थण देने का निर्णय लिया है।
ट्रेड यूनियन 21 हजार रुपये मासिक न्यूनतम मजदूरी और 10 हजार मासिक पेंशन देने, एनपीएस वापस लेने, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन और मालिकों की गुलामी के चार श्रम कोर्ट रद्द करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आज हड़ताल पर हैं।
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