बिहार: किशनगंज के सांसद असरारुल हक कासमी का निधन, नीतीश ने जताया शोक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार के किशनगंज से सांसद मौलाना असरारुल हक का शुक्रवार तड़के निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।
सांसद असरार-उल-हक कासमी का निधन (फाइल फोटो) |
मौलाना हक के परिवार में तीन पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उन्हें आज उनके पैतृक गांव ताराबाड़ी में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासमी पहली बार 2009 में किशनगंज सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। 2014 के चुनाव में भी उन्होंने यहां अपनी जीत बरकरार रखी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज किशनगंज के सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराये जाने की घोषणा की।
कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा है कि सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी राजनीति में अपनी सुचिता और सरल हृदय के लिए जाने जाते थे। सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी अभिरुचि थी और वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने कहा कि किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में उनका अहम योगदान था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके परिजनों एवं समर्थकों से दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपने करीबी नेता भोला यादव के माध्यम से शोक संदेश जारी किया और कहा कि कासमी के निधन से बिहार ने एक सक्षम और समर्पित सांसद खो दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के लोकसभा सदस्य मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन पर दुख जताया है। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘किशनगंज से कांग्रेस पार्टी के लोकप्रिय सांसद, मौलाना असरारुल हक साहब, के निधन की खबर सुनकर बेहद दु:ख हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं असरारुल हक साहब के परिजनों के प्रति अपनी गहरी शोक और संवेदना व्यक्त करता हूँ।‘‘
सूत्रों ने बताया कि कल देर रात जलसा में शामिल होकर लौटने के बाद किशनगंज परिसदन में अचानक उनकी तबियत खराब हो गई। आनन-फानन में उन्हें नजदीक के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकत्सकों ने उनके निधन का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया है।
उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी 1942 को जन्मे मौलाना हक ने दारुल उलूम, देवबंद से शिक्षा हासिल की थी और वह बिहार में कई मदरसों का संचालन करते थे। किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। वह जमायत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। वह ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य होने के साथ ही ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष भी थे।
मौलाना हक ने कई बार चुनाव लड़े लेकिन पहली बार वर्ष 2009 में सांसद चुने गये। इसके बाद वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के खिलाफ भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
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