लोग गरीब हैं क्योंकि शराब पर अधिक खर्च करते &

Last Updated 10 Jan 2010 06:11:42 PM IST


चेन्नई। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस. रामदास ने रविवार को कहा कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली प्रदेश की 50 फीसदी से अधिक आबादी सरकार की ओर से मिलने वाली खरातों का इंतजार करती रहती है। इसके लिए राज्य में हो रही शराब की ब्रिकी जिम्मेदार है। रामदास ने कहा, "तमिलनाडु की आबादी 6.24 करोड़ है। मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि ने कहा है कि प्रदेश की 3.28 करोड़ जनता, जिसके पास पहनने को ढंग के कपड़े तक नहीं है, उनके बीच साड़ी व धोती बांटी जाएंगी ताकि वे पोंगल के अवसर पर इन्हें पहन सके।" उन्होंने कहा, "यदि ये लोग ढंग के कपड़े पहनने में सक्षम नहीं है तो इसका मतलब है कि ये कंगाल हैं।" प्रदेश की खुदरा शराब कंपनी तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (तासमैक) के कारोबार का जिक्र करते हुए रामदास ने कहा, "यह गरीबों के पैसे हैं जिसे तासमैक ने कमाए हैं। गरीब लोग शराब पर खर्च करते हैं और कपड़ों सहित अन्य जरूरतों पर वह कोई खर्च नहीं करते।" तासमैक ने पिछले वित्तीय वर्ष में 12,831 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। उन्होंने कहा, "गरीबों के बीच इस प्रकार खरातें बांटकर सरकार को अपना वोट बैंक नहीं बनाना चाहिए। गरीबों को अपने दम पर खड़ा करने की जरूरत है और इसके लिए शराब की दुकानों पर ताले जड़ने चाहिए और शराब पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।"



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