दिव्यांगों की जिंदगी में रंग घोलेगी डिजिटल पिचकारी
पिचकारियां तो बहुत बनती हैं, लेकिन दिव्यांगो के लिए होली का रंग फीका पड़ जाता है। क्योंकि उसे वह चला नहीं पाते हैं।
दिव्यांगों की जिंदगी में रंग घोलेगी डिजिटल पिचकारी |
इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए वाराणसी के एक स्कूल का छात्र सामने आया है। उसने एक डिजिटल पिचकारी बनाई है जो कि बोलने से ही रंग बरसाने लगेगी। इसका कोडवर्ड हैप्पी होली रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र आयुष ने दिव्यांगों के जीवन में खुशियों के रंग भरने के लिए एक डिजिटल पिचकारी इजाद की है। यह आवाज के कोड से संचालित होती है। इसकी खासियत यह है कि बिना हाथ लगाये आवाज के कोड से रंग की बरसाने लगती है।
डिजिटल पिचकारी बनाने वाले छात्र आयुष ने बताया कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि होली में बहुत सारे लोग रंग खेलते हैं। लेकिन दिव्यांग लोग इससे वंचित रह जाते है। इस कारण हमने एक डिजिटल पिचकारी बनाई है जो कि आवाज करते ही रंग बरसाने लगती है। इस पिचकारी से दिव्यांग लोग होली का मजा ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि डिजिटल पिचकारी में एक माइक लगा है जो हैप्पी होली के कोड से संचालित होता है। जैसे हम पिचकारी में लगे माइक में हैप्पी होली बोलते हैं पिचकारी में लगे वाटर पम्प को माइक 2 से 3 सेकंड के लिये ऑन कर देता है जिससे पिचकारी में लगे कंटेनर में भरे वाटर कलर प्रेसर के साथ स्प्रे करता है। ये पिचकारी 10 मीटर दूर तक वाटर कलर फेंक सकता है। डिजिटल पिचकारी बनाने में सात दिनों का समय लगा है और 250 रुपये का खर्च आया है।
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर सुबिना चोपड़ा व विनीत चोपड़ा ने बताया कि हमारे स्कूल में जूनियर कलाम स्टार्टअप इनोवेशन लैब है, जिसमें बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ नए नए आईडिया पर रिसर्च करतें है। बच्चों ने यह बहुत अच्छी पिचकारी बनाई है। जिनके हाथ पैर नहीं हैं वो भी होली के त्योहार का मजा ले सकेंगे।
गोरखपुर के वैज्ञानिक महादेव पांडेय ने बताया कि यह सेंसर बेस्ड तकनीक है। यह आवाज के कमांड से संचालित होती है। यह दिव्यांगों के लिए काफी कारगर है।
बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक और चर्म रोगी विशेषज्ञ डाक्टर एमएच उस्मानी कहते हैं सेंथटिक रंगो से लोगों की स्किन को काफी नुकसान पंहुचती है। वैसे तो लोगों को हर्बल रंग का ही इस्तेमाल करना चाहिए। जिन्हे रंग छूने से परेशानी है उनके लिए यह पिचकारी अच्छी है। हालंकि इसमें हर्बल रंग का ही इस्तेमाल करें। अगर आप हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें तो ये कई बीमारियों से बचे रहेंगे।
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