भारत रेल प्रौद्योगिकी प्रणालियों में विश्व का नेतृत्व करने की राह पर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बुधवार को कहा कि भारत रेल प्रौद्योगिकी प्रणालियों में दुनिया का नेतृत्व करने की राह पर है और इंजीनियरिंग नवाचार में सबसे आगे है।
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मंत्री ने यहां भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी (आईआरईई) के 16वें संस्करण का उद्घाटन किया। रेल मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आईआरईई-2025 में ऑस्ट्रिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 15 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली 450 से ज्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एशिया के सबसे बड़े और विश्व के दूसरे सबसे बड़े रेल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के रूप में मान्यता प्राप्त आईआरईई, रेल अवसंरचना और गतिशीलता में सहयोग, नवाचार और निवेश के लिए एक वैिक मंच के रूप में कार्य करता है।
वैष्णव ने कहा, ‘‘भारत रेल प्रौद्योगिकी प्रणालियों में विश्व का नेतृत्व करने की राह पर है और इंजीनियरिंग नवाचार में अग्रणी है। भारतीय और वैिक उपकरण निर्माताओं तथा संपूर्ण रेलवे पारिस्थितिकी तंत्र को एक मंच पर लाना एक महत्वपूर्ण प्रयास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2024-25 में 7,000 कोच, 42,000 वैगन और 1,681 इंजनों के रिकॉर्ड उत्पादन के साथ, भारतीय रेलवे एक विकसित राष्ट्र की ओर भारत की यात्रा को शक्ति प्रदान कर रहा है।’’
वैष्णव ने समर्पित यात्री गलियारे विकसित करने की योजना की घोषणा की, जो 320 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ 350 किमी प्रति घंटे तक की अधिकतम गति के लिए तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में ऐसे कई गलियारे बनाए जाएंगे, जो ‘विकसित भारत’ दृष्टिकोण का हिस्सा होंगे, जिसका लक्ष्य 2047 तक लगभग 7,000 किलोमीटर समर्पित मागरें का विकास करना है।
वैष्णव ने कहा, ‘‘ये गलियारे स्वदेशी रूप से विकसित सिग्नलिंग सिस्टम और आधुनिक संचालन नियंत्रण केंद्रों (ओसीसी) से सुसज्जित होंगे।’’
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