भाजपा ने यूपी व उत्तराखंड के लिए जारी की 213 प्रत्याशियों की सूची

Last Updated 17 Jan 2017 07:26:03 AM IST

रिश्तेदारों के लिए टिकट न मांगने की प्रधानमंत्री की हिदायत उत्तराखंड मामले में बेमानी साबित हुई है.


भाजपा नेता जेपी नड्डा (file photo)

मोदी की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रिश्तेदारों और कांग्रेस से दल-बदल कर आए नेताओं को ईनाम के तौर पर टिकट देकर नवाजा गया है. चुनाव जीतने के लिए पार्टी ने अपने ही पूर्व राज्य अध्यक्ष तीरथ सिंह का टिकट काट दिया है. कुल चार विधायकों के टिकट काटे गए हैं.

सोमवार को ही भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य, पूर्व एमएलए केदार सिंह रावत को टिकट दे दिया गया है. कांग्रेस के एमएलए रहे केदार सिंह रावत को यमुनोत्री सीट से टिकट मिला है. यशपाल आर्य को उनकी पुरानी सीट बाजबुर से और बेटे को नैनीताल से टिकट दिया गया है.

पूर्व सांसद सतपाल महाराज को उनके गृहक्षेत्र चौबट्टाखाल से और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के दूसरे नंबर के पुत्र सौरभ बहुगुणा को भी टिकट मिला है. भाजपा से नाराज होकर गए शूटर जसपाल राणा के पिता नारायण सिंह राणा को टिकट मिला. जसपाल अभी भी कांग्रेस में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी को भी उम्मीदवार बनाया गया था.

रविवार रात पार्टी मुख्यालय में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तराखंड की 70 में से 64 और उत्तर प्रदेश की 149 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया गया है. पार्टी की तरफ से जेपी नड्डा ने सोमवार को प्रत्याशियों की सूची जारी की.

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आए नौ नेताओं में से करीब सभी को टिकट मिला है. पूर्व सांसद एवं मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल सतपाल महाराज को चौबट्टाखाल से टिकट दिया गया है. यहां से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत विधायक थे. उनका टिकट काटा गया है.

विजय बहुगुणा ने खुद चुनाव न लड़ने का फैसला किया था. उन्होंने छोटे बेटे सौरभ के लिए टिकट मांगा. पार्टी सौरभ को सितारगंज से टिकट दे दिया. पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री रितु खंडूरी को यमकेर से टिकट दिया गया. खंडूरी ने आगे चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है. रितु को टिकट देने के लिए वर्तमान विधायक विजय बहुगुणा का टिकट काटा गया है.

ज्वालापुर से भाजपा विधायक चंद्रशेखर का टिकट काटा गया है. कांग्रेस से आए चैम्पियन प्रवीण सिंह को खानपुर से, रेखा आर्य को सोमेर से, सुबोध उनियाल को नरेंद्रनगर, शैला रानी रावत को केदारनाथ से, प्रदीप बत्रा को रुड़की से, उमेश शर्मा को रायपुर से टिकट दिया गया है. हरक सिंह रावत लैंसडौन से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें कोटद्वार भेजा गया गया है. लैंसडौन के वर्तमान विधायक दिलीप रावत ने बगावत करने की धमकी दी थी.

धनौल्टी से वर्तमान विधायक महावीर रांगण का टिकट काटकर नारायण सिंह राणा को टिकट दिया है. राणा जसपाल के पिता और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समधी हैं. वह भाजपा सरकार में मंत्री भी थे, लेकिन टिकट को लेकर उन्होंने भाजपा छोड़ी थी. उनके बेटे जसपाल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कांग्रेस ने आए शैलेंद्र मोहन सिंघल को जसपुर से और सुरेंद्र सिंह नेगी को कर्णप्रयाग से टिकट दिया गया.

रोशन
समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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