चुनाव पूरे नहीं हुए, गैर-एनडीए गठबंधन की कोशिशें तेज, ‘चाणक्य’ की भूमिका में चंद्रबाबू
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले ही विपक्षी दलों के नेताओं ने अगली सरकार बनाने के लिए गठबंधन की कोशिशें तेज कर दी हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम दौर का मतदान अभी बाकी है, लेकिन उसके पहले ही भावी सरकार के गठन के लिए कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक शरद पवार, शरद यादव, अखिलेश यादव और मायावती से मुलाकात की। |
इस कड़ी में शनिवार को तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश, बसपा प्रमुख मायावती समेत भाकपा, राकांपा व अन्य पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की।
नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने और एक संयुक्त विपक्षी गठबंधन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुबह के नाश्ते पर भाकपा नेता सुधाकर रेड्डी और डी राजा से भी मुलाकात की तथा उनसे ‘एक साथ आने’ के लिए कहा। नायडू राकांपा प्रमुख शरद पवार और एलजेडी नेता शरद यादव से भी मिले।
शनिवार शाम वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हो गए। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वह सीधे विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा कार्यालय पहुंचे, जहां अखिलेश ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में, अखिलेश ने इस मुलाकात के बारे में ट्वीट किया, ‘सम्माननीय मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू जी का लखनऊ में स्वागत कर प्रसन्नता हुई।’ सपा सूत्रों ने बताया कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन तैयार करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच संभवत: चर्चा हुई है।
अखिलेश से मुलाकात के बाद नायडू सीधे मायावती के माल एवेन्यू आवास के लिए रवाना हुए, जहां बसपा सुप्रीमो ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया । नायडू ने मायावती को आंध्रप्रदेश के आम भेंट किए। मुलाकात के दौरान बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे ।
तेदेपा प्रमुख, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत विभिन्न विपक्षी नेताओं से कई दौर की चर्चा कर चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले नायडू ने राहुल से यह भी कहा कि अगर भाजपा को पर्याप्त सीटें नहीं मिलती हैं और फिर भी सरकार बनाने का दावा करती है तो ऐसी स्थिति में रणनीति तैयार रखनी चाहिए। नायडू ने शुक्रवार को कहा था कि न केवल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) बल्कि भगवा पार्टी का विरोध करने वाले किसी भी दल का महागठबंधन में स्वागत है। विपक्षी दल अगली सरकार बनाने के लिए संयुक्त भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने पर जोर दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित होने के बाद विभिन्न विपक्षी दलों के बीच चर्चा तेज हो सकती है।
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