दंगल 2019 : जनमत सर्वेक्षणों में भाजपा की गति धीमी
एक संस्थान और स्वतंत्र चुनाव विश्लेषकों द्वारा मतदाताओं पर किए सर्वेक्षण 23 मई के बाद संभावित परिदृश्य के बारे में आश्चर्यजनक रूप से एकमत की ओर इशारा करते हैं, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रदर्शन में 2014 की तुलना में गिरावट होगी।
दंगल 2019 : जनमत सर्वेक्षणों में भाजपा की गति धीमी |
छठे चरण की समाप्ति के बाद दिल्ली में सेंटर फॉर सोशियो-इकोनोमिक एंड पॉलोटिकल रिसर्च (सीएसईपीआर) की रिपोर्ट बताती है कि राजग चुनाव पूर्व गठबंधन के रूप में 231 सीट पा सकती है जबकि संप्रग को 174 सीटें मिले सकती है। एक प्रसिद्ध चुनाव विश्लेषक के अनुमान के मुताबिक राजग को 234 सीटें और संप्रग को 169 सीटें प्राप्त होंगी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) जबतक गठबंधन के नए साथी नहीं चुन लेती, उसके भाजपा नीत गठबंधन द्वारा खाली किए गए क्षेत्रों में पांव पसारने की उम्मीद कम है।
एक अन्य चुनाव विश्लेषक के हिसाब से कांग्रेस और उसके गठबंधन को राजग के 256 सीटों के मुकाबले 287 सीटें प्राप्त हो सकती है। हालांकि यह आंकड़ें चुनाव बाद गठबंधन के बाद ही संभव है।
सीएसईपीआर के अनुसार उत्तरप्रदेश में, राजग 30 सीट, संप्रग को 5 सीट और महागठबंधन को 45 सीट मिल सकती है। एक दूसरे चुनाव विश्लेषक ने इन दलों को इतने ही सीट दिए हैं। लेकिन अगर महागठबंधन को कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी के तौर पर देखें तो, यह आंकड़ा 50 सीटों पर पहुंच जाता है।
पश्चिम बंगाल में, जहां मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है, वाईएसईपीआर का सर्वेक्षण बताता है कि भाजपा यहां 2014 के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी और वह संभवत: वहां आठ सीटों पर कब्जा जमा सकती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस को यहां 32 और कांग्रेस को गठबंधन के साथ 2 सीटें मिलेंगी।
सीएसईपीआर ने अपने सर्वेक्षण में बताया है कि बिहार में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड वहां की 40 सीटों में से 22 और कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल नीत गठबंधन को 18 सीटें मिल सकती हैं।
महाराष्ट्र में सीएसईपीआर के सर्वेक्षण के मुताबिक भाजपा-शिवसेना गठबंधन को कुल 48 सीटों में से 34 सीट जबकि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) को 14 सीटें प्राप्त हो सकती हैं।
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