Rajasthan LS Election: पैरालंपिक भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया राजनीतिक पारी को लेकर बोले- चुनावी मैदान में भी ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे

Last Updated 06 Apr 2024 01:08:28 PM IST

चुरू में पिछले दो बार के सांसद राहुल कस्वां की जगह भारतीय जनता पार्टी ने पैरालम्पिक में दो स्वर्ण और एक रजत जीत चुके भालाफेंक खिलाड़ी झाझड़िया को टिकट दिया है।


भारत के सबसे कामयाब पैरा एथलीट देवेंद्र झाझड़िया को यकीन है कि जिस तरह एथेंस पैरालम्पिक में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर उन्होंने पदार्पण किया था, उसी तरह चुरू (राजस्थान) के चुनावी मैदान में भी ऐतिहासिक जीत दर्ज करके वह राजनीति में कदम रखेंगे।

चुरू में जन्मे झाझड़िया ने कहा, ‘‘मैंने एथेंस में 2004 पैरालम्पिक की भालाफेंक स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर पदार्पण किया था और (मुझे) राजनीति में भी ऐतिहासिक जीत के साथ पदार्पण का यकीन है।’’

आठ वर्ष की उम्र में पेड़ पर चढ़ते हुए बिजली के नंगे तार के संपर्क में आने के कारण अपना बायां हाथ गंवा चुके झाझड़िया को पता है कि राजनीति की राह आसान नहीं है, लेकिन अपने जीवन के अब तक के संघर्ष के आगे उन्हें यह चुनौती छोटी ही लग रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट से एक बार पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने का सफ़र कितना कठिन रहा तो उन्होंने कहा कि बचपन में पोलियो से इतना संघर्ष किया कि यह संघर्ष लगा ही नहीं। मैंने भी बचपन से इतना संघर्ष किया कि इसका अब पता नहीं चल रहा।’’

चुरू में पिछले दो बार के सांसद राहुल कस्वां की जगह भारतीय जनता पार्टी ने पैरालम्पिक में दो स्वर्ण और एक रजत जीत चुके भालाफेंक खिलाड़ी झाझड़िया को टिकट दिया है। कस्वां अब कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिससे जाट बहुल इस सीट पर 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है।

झाझड़िया ने कहा कि पिछले दो चुनावों में कस्वां मोदी की लहर में जीते थे और अब निवर्तमान सांसद की पराजय तय है।

उन्होंने कहा, ‘‘चुरू में 2009 में भाजपा करीब 12000 वोट से जीती थी, लेकिन 2014 में मोदी की लहर में जीत का अंतर करीब तीन लाख वोट का और पिछली बार भी मोदी के ही नाम पर जीत का अंतर 3,34,402 रहा। इस बार तो यह अंतर पांच लाख तक जा सकता है।’’

देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण पाने वाले पहले पैरा एथलीट ने कहा, ‘‘जहां तक चुरू के मतदाताओं की बात है तो यहां मोदी की गारंटी ही चलने वाली है। मतदाता सिर्फ यही जानते हैं कि मोदी को लाना है और कमल का निशान मतलब मोदी।’’

यह पूछने पर कि जाट वोट के बंटने से उन्हें नुकसान हो सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं जात-पांत की बात ही नहीं करता। मैं खिलाड़ी हूं और भारत को सर्वोपरि रखा है। हर हिंदुस्तानी में भाई दिखता है और हम तिरंगे के बारे में ही सोचते हैं।’’

राजस्थान में मरूस्थल का द्वार कहे जाने वाले चुरू में आज तक एक ही बार गैर-जाट प्रत्याशी जीत सका है ।

राजनीति में पदार्पण का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि वह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के नरेन्द्र मोदी के सपने में अंशदान करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दस साल में देश-विदेश में अपनी कार्यप्रणाली से मोदी जी ने भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। मुझे लगा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रधानमंत्री की मुहिम में छोटा सा भी योगदान दूंगा, तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खेलों की ही बात करें तो पिछले दस साल में भारत का ग्राफ कितना ऊंचा गया है। खेलो इंडिया, टॉप्स जैसी योजनाओं से खिलाड़ियों को बहुत मदद मिली और पदकों की संख्या में इजाफ़ा हुआ। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे अब जनसेवा करनी है, क्योंकि खेल को तो बाईस साल दे दिये हैं, जो बहुत लंबा समय है।’’

प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चुरू में विकास का कोई काम नहीं हुआ है और लोगों में काफी आक्रोश है ।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में काफी रोष है कि जल जीवन मिशन योजना में कांग्रेस सरकार के दौरान काफी भ्रष्टाचार हुआ है। लोगों तक पीने का पानी नहीं पहुंच सका है। कनेक्टिविटी को लेकर किसानों और युवाओं के लिए काम करने की जरूरत है।’’

झाझड़िया ने कहा, ‘‘यहां पर्यटन का विकास हो सकता है। यहां सालासार, देवा, गोगामेड़ी जैसे कई धाम हैं, जिन्हें विकसित करने की जरूरत है। अब प्रदेश में भाजपा सरकार के आने से यहां तेजी से विकास कार्य हो सकते हैं।’’

यह पूछने पर कि मोदी सरकार से किसानों की कथित नाराजगी और किसान आंदोलन मतदान के वक्त एक अहम मसला होगा, झाझड़िया ने कहा कि किसान केंद्र सरकार की योजनाओं से खुश हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवासीय योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, शौचालयों का निर्माण इन सभी से लाभार्थी बहुत खुश हैं। मैं गांव-गांव घूम रहा हूं और किसान भी चाहते हैं कि मोदी-नीत सरकार बने।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मतदाता यह भी नहीं भूलेंगे कि कई पीढ़ियों के इंतजार के बाद रामलला को मोदी जी ने घर दिया। मैं (मतदाताओं से मिलने) जाता हूं तो जगह-जगह लोग जय श्रीराम के नारे लगाते हैं। मंदिर के उद्घाटन के समय मैं वहां था और सभी की आंखें भरी हुई थीं। लोगों के मन में यही भाव है।’’

यह पूछने पर कि राजनीति में सक्रिय होने पर क्या वह भारतीय पैरालम्पिक समिति को अध्यक्ष होने के नाते समय दे पायेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीसीआई का नेतृत्व और राजनीति दोनों साथ में कर सकता हूं। इसमें कोई परेशानी नहीं होगी।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘खिलाड़ी होने के नाते मेरी सोच सकारात्मक है और (मैं) ऊर्जावान रहता हूं। बतौर खिलाड़ी मिल रहा सम्मान मतों में जरूर तब्दील होगा। मैं चुरू में खिलाड़ियों को वे तमाम सुविधायें मुहैया कराऊंगा, जो अभी तक नहीं मिल सकी हैं।’’

भाषा
नई दिल्ली


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