यूपी में भाजपा के दिवालियापन की निशानी है उमा की मौजूदगी

Last Updated 29 Jan 2012 11:29:47 PM IST

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपनी पुरानी सियासी प्रतिद्वन्द्वी उमा भारती को निशाने पर लेते हुए करारा प्रहार किया है.


दिग्विजय ने रविवार को कहा कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की संन्यासिन की आमद भाजपा नेतृत्व के दिवालियापन की निशानी है.

दिग्विजय ने यहां संवाददातों से कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को उत्तरप्रदेश में राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, लालजी टंडन और सूर्यप्रताप शाही जैसे वरिष्ठ नेताओं की काबिलियत पर भरोसा नहीं था. इसलिये उन्होंने उमा को मध्यप्रदेश से आयात किया है, जो भाजपा नेतृत्व के दिवालियापन को दर्शाता है.’

उन्होंने कटाक्ष भरे लहजे में कहा, ‘उत्तरप्रदेश में भाजपा नेतृत्व पर आज सबसे ज्यादा उमा फैक्टर हावी है.’ 

भाजपा ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कहा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिये संकल्पित है. इस बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय ने आरोप लगाया, ‘भाजपा की राजनीति धार्मिक उन्माद फैलाने से शुरू होती है और इसी बात पर खत्म होती है.’

उन्होंने उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाजवादी पार्टी को घेरते हुए आरोप लगाया कि सूबे में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में 5,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ. 

दिग्विजय ने कहा कि वह उत्तरप्रदेश में सरकारी सर्व शिक्षा अभियान की भी जांच करायेंगे. उन्होंने भरोसा जताया कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेगी.

कांग्रेस महासचिव ने इस आरोप को खारिज किया कि मुस्लिम कट्टरपंथियों के विरोध के सामने सरकार के झुकने के कारण भारतीय मूल के मशहूर ब्रितानी साहित्यकार सलमान रुश्दी जयपुर साहित्य सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सके.

उन्होंने कहा, ‘रुश्दी से कभी नहीं कहा गया था कि वह भारत न आयें. उन्हें भारत आने के लिये किसी वीजा की जरूरत नहीं है. वह किसी भी वक्त भारत आने के लिये स्वतंत्र हैं.’

दिग्विजय ने कहा कि ऐसे संकेत थे कि रुश्दी पर कुछ कट्टरपंथी तत्व हमला कर सकते हैं. लिहाजा राजस्थान सरकार ने तमाम ‘एहतियाती’ कदम उठाये, ताकि जयपुर में अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन प्रभावित नहीं हो.

मध्यप्रदेश से जुड़े एक सवाल पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने विस्तृत ब्यौरा दिये बगैर आरोप लगाया, ‘राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं.’’ 
 



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