वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पेश किया 2017-18 का आम बजट, जानें मुख्य बातें

Last Updated 01 Feb 2017 03:00:02 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2017-18 का बजट ग्रामीण क्षेत्रों, कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर अधिक केंद्रित है.


वित्त मंत्री अरूण जेटली के आम बजट की मुख्य बातें

लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा, "बजट तैयार करते समय मेरा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों, बुनियादी ढांचे और गरीबी उन्मूलन पर अधिक व्यय करने पर रहा."

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दीर्घकालीन लाभ होंगे और इससे अर्थव्यवस्था अधिक साफ-सुथरी होगी.

जेटली ने कहा, "पुनर्मुद्रीकरण की रफ्तार बढ़ गई है और यह जल्द ही आरामदायक स्तर तक बढ़ेगी. नोटबंदी का असर अगले साल तक नहीं रहेगा."

जेटली ने उम्मीद जताई कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक दोनों ने ही भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में उभरती हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर चिह्नित किया है.

उन्होंने कहा, "महंगाई नियंत्रित हो गई है. निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है."

उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी.

आम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं..

  • 2.5 लाख से 5 लाख रूपये की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई. कर स्लैब में बदलाव नहीं.
  • 50 लाख रूपये से एक करोड़ रूपये सालाना कमाने वाले लोगों को देना होगा 10 प्रतिशत का अधिभार.
  • एक करोड़ रूपये से अधिक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार जारी रहेगा.
  • तीन लाख रूपये से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध.
  • 50 करोड़ रूपये तक के कारोबार वाली लघु एवं मझोले उपक्र मों पर कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई. 96 प्रतिशत कंपनियों को लाभ होगा.
  • एलएनजी पर सीमा शुल्क घटाकर आधा यानी ढाई प्रतिशत किया गया.
  • अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान. 2018-19 में इसे 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य.
  • राजनीतिक दल 2,000 रूपये से अधिक का नकद चंदा नहीं ले पाएंगे. वे चेक, इलेक्ट्रानिक तरीके से चंदा ले सकेंगे. रिजर्व बैंक इलेक्टोरल बांड जारी करेगा.
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्वास्थ्य कार्ड. उनके लिए आठ प्रतिशत गारंटी वाले रिटर्न की  योजना.
  • विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड :एफआईपीबी: को समाप्त किया जाएगा. एफडीआई नीति और उदार होगी.
  • सीपीएसई की सूचीबद्धता के लिए समयबद्ध प्रक्रिया.
  • रेलवे के पीएसयू आईआरसीटीसी, आईआरएफसी तथा इरकॉन सूचीबद्ध होंगी.
  • डिजिटल भुगतान के नियमन के लिए रिजर्व बैंक में भुगतान नियामक बोर्ड बनेगा.
  • नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स कानून में संशोधन होगा.
  • नोटबंदी साहसी, निर्णायक कदम. इससे जीडीपी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा. कर संग्रहण बढ़ेगा.
  • आईआरसीटीसी के जरिये बुक रेलवे के ई टिकट पर सेवा कर नहीं लगेगा.
  • पांच साल के लिए एक लाख करोड़ रूपये का रेल सुरक्षा कोष. मानवरहित क्र ॉसिंग को 2020 तक समाप्त किया जाएगा.
  • बजट तीन एजेंडा..बदलाव, ऊर्जावान, स्वच्छ भारत :टीईसी इंडिया: एजेंडा पर आधारित.
  • अचल संपत्ति पर दीर्घावधिक पूंजीगत लाभ कर के लिए समय सीमा तीन साल से घटाकर दो साल की गयी.    
  • कीमत की तुलना के लिए आधार वर्ष 1 अप्रैल, 1981 से बदलकर एक अप्रैल, 2.001 किया गया.
  • विनिवेश लक्ष्य से वर्ष 2017-18 में 72,500 करोड़ रूपये की प्राप्ति का लक्ष्य. चालू वित्त वर्ष में यह 56,500  करोड़ रूपये.
  • बाजार से सकल 6.05 लाख करोड़ रपए का कर्ज उठाने का अनुमान
  • डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन के लिए पीओएस मशीनों तथा वायोमेट्रिक पहचान के लिए काम आने वाली आयरिस रीडर्स पर शुल्क समाप्त.
  • स्टार्ट अप्स के लिए कर लाभ सात में से तीन साल के लिए होगी.
  • प्रत्यक्ष कर संग्रहण वृद्धि 15.8 प्रतिशत, अप्रत्यक्ष कर 8.3 प्रतिशत.
  • वर्ष 2017-18 में सरकार का कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान.
  • पूंजीगत खर्च बढ़कर 24 प्रतिशत.
  • राज्यों को आबंटन बढ़कर 4.11 लाख करोड़ रूपये.
  • एफआरबीएम समिति ने 2020 तक 60 प्रतिशत रिण-जीडीपी अनुपात का सुझाव दिया.
  • खुदरा मुद्रास्फीति 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी.
  • झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स का प्रस्ताव.
  • मनरेगा के लिए अभी तक का सबसे अधिक 48,000 करोड़ रूपये का आवंटन.
  • कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहेगी. पांच साल में कृषि आय दोगुना होगी.
  • अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि रिण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रूपये.
  • फसल बीमा योजना फसल क्षेत्र का 40 प्रतिशत की गई.
  • बुनियादी ढांचा निवेश 3.96 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान.
  • सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा.
  • 2,000 करोड़ रूपये के कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष बनेगा.
  • महिला एवं बाल पहलों के लिए 1.84 लाख करोड़ रूपये का आबंटन.
  • ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.87 लाख करोड़ रूपये.
  • बेघरों के लिए 2019 तक बनेंगे एक करोड़ मकान.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आबंटन 15,000 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 23,000 करोड़ रूपये.
  • मई, 2018 तक शतप्रतिशत गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य.
  • अनुसूचित जनजाति के लिए 31,920 करोड़ रूपये, अल्पसंख्यक मामलों के लिए 4,195 करोड़ रूपये.
  • सड़क क्षेत्र के लिए आबंटन बढ़ाकर 64,000 करोड़ रूपये किया गया.
  • रेल, सड़क, जहाजरानी के लिए 2.41 लाख करोड़ रूपये का आबंटन.
  • नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा.
  • वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 35 प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रूपये पर.

भाषा


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