किसान कर्ज पर ब्याज में कटौती, लोन के लिए 10 लाख करोड़
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये किया है.
(फाइल फोटो) |
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिये लक्ष्य रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है.’’
सरकार पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये विशेष उपाय करेगी.
सरकार तीन लाख रुपये तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है. कर्ज के समय पर भुगतान के लिये किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है. इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है.
वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी. खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है.
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गयी नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिये चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रुपये किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपये था. अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा.’’
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि किसानों के लिये डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है. ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रुपये के शुरूआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये किया जाएगा.
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा.
| Tweet |