प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एम आर श्रीनिवासन और प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
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मोदी ने मंगलवार को परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एम आर श्रीनिवासन और प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि महत्वपूर्ण परमाणु बुनियादी ढांचे के विकास में उनकी उल्लेखनीय भूमिका भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का आधार रही है।
देश के स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रीनिवासन का मंगलवार को 95 वर्ष की उम्र में तमिलनाडु के उधगमंडलम में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के पुरोधा डॉ. एमआर श्रीनिवासन के निधन से बहुत दुखी हूं। महत्वपूर्ण परमाणु बुनियादी ढांचे के विकास में उनकी उल्लेखनीय भूमिका ऊर्जा क्षेत्र में हमारे आत्मनिर्भर होने का आधार रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रेरक नेतृत्व के लिए याद किया जाता है। वैज्ञानिक प्रगति को आगे बढ़ाने और कई युवा वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन देने के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति।’’
मोदी ने प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि नार्लीकर का मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने एक संस्थान निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाई और युवा मस्तिष्कों के लिए शिक्षण एवं नवाचार के केंद्र तैयार किए। उनके लेखन ने विज्ञान को आम नागरिकों तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’’
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