Tahawwur Rana Case: जांच एजेंसी का पक्ष रखेंगे नरेंद्र मान, केंद्र ने किया विशेष लोक अभियोजक नियुक्त

Last Updated 10 Apr 2025 12:54:58 PM IST

केंद्र सरकार ने 26/11 मुंबई हमले से जुड़े महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के लिए अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) नियुक्त किया है।


यह नियुक्ति राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई और इससे संबंधित अन्य मुकदमों के संचालन के लिए की गई है। नरेंद्र मान दिल्ली में एनआईए की विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों में एनआईए की ओर से पैरवी करेंगे। इसकी जानकारी सरकार ने एक आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी।

नरेंद्र मान की नियुक्ति इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख यानी 10 अप्रैल, 2025 से शुरू होगी। यह नियुक्ति 3 साल की अवधि के लिए होगी। मान को यह जिम्मेदारी तीन साल के लिए दी गई है, जो इस नियुक्ति की अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से लागू मानी जाएगी। यदि ट्रायल इससे पहले पूरा हो जाता है, तो जिम्मेदारी वहीं खत्म हो जाएगी।

केंद्र सरकार ने यह फैसला भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-18 की उप-धारा (8) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 की धारा 15 की उप-धारा (1) के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लिया है।

26/11 मुंबई हमला भारत के इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक था, जिसमें 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हमला किया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है और अब नरेंद्र मान इस मुकदमे को अदालत में आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालेंगे।

नरेंद्र मान एक अनुभवी अधिवक्ता हैं और उनकी नियुक्ति को इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अहम माना जा रहा है। वे न केवल इस खास मामले, बल्कि इससे जुड़े अन्य संबद्ध मुकदमों में भी एनआईए का पक्ष रखेंगे। सरकार का यह कदम आतंकवाद से जुड़े मामलों में सख्ती और पारदर्शिता दिखाने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

गजट नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि नरेंद्र मान की भूमिका दिल्ली की एनआईए विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों तक सीमित होगी।

बता दें, मुंबई हमले के मास्टर माइंड राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस को अभी तक उसके शहर में स्थानांतरण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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