ग्यारह सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में बाबा सिद्दकी की हत्या, सुरक्षा पर भी सवाल ?
ग्यारह सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में एक नेता की हत्या हो जाती है।
![]() बाबा सिद्दकी |
ऐसे में एक सवाल उठना लाज़िमी है कि फिर सुरक्षा किस काम की। क्या चार हत्यारे गोली चलाने में सुरक्षा कर्मियों से ज्यादा ट्रेंड थे। हम यहां 11 सुरक्षा कर्मियों की बात इसलिए कर रहे है कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी को महज 15 दिन पहले ही Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, बावजूद इसके शनिवार की रात को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। आगे बात करें, उसके पहले आइए जान लेते हैं कि Y श्रेणी की सुरक्षा किसे और क्यों दी जाती है। साथ ही साथ यह भी जान लेते हैं कि इस श्रेणी की सुरक्षा में कितने पुलिस कर्मी होते हैं।
भारत सरकार उन लोगों को वाई लेवल की सुरक्षा देती है, जिनकी जान को खतरा होता है। यह सुरक्षा कवर का चौथा स्तर है। सुरक्षा दल में 11 लोग होते हैं, जिनमें 1 से 2 पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। इसमें दो पीएसओ भी होते हैं, जो निजी सुरक्षा गार्ड होते हैं। ज़्यादातर मामलों में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) या राज्य पुलिस के लोगों को वाई ग्रुप में सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाता है। सुरक्षा कवर के साथ एक कार आती है जिसमें बुनियादी सुरक्षा सुविधाएं होती हैं।
वरिष्ठ सरकारी नेता, न्यायाधीश और अन्य लोग जिन्हें जान का खतरा हो सकता है, उन्हें अक्सर वाई स्तर की सुरक्षा दी जाती है। वाई स्तर की सुरक्षा कवर मशहूर हस्तियों, व्यापारियों और पत्रकारों को भी दी जा सकती है, जिन्हें जान जाने का खतरा होता है। ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी और शायद 15 दिन पहले ही उन्हें Y श्रेणी की सुविधा मुहैया कराई गई थी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिस समय बाबा सिद्दकी पर जानलेवा हमला हुआ, उस समय कितने सुरक्षा कर्मी उनके साथ थे। खैर धीरे-धीरे उसका भी खुलासा हो ही जाएगा लेकिन अंत तक यह सवाल बना ही रहेगा कि इतनी भारी भरकम सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में जब किसी की हत्या हो जाती है तो फिर सुरक्षा किस काम की
| Tweet![]() |