Budget 2024: केंद्रीय बजट को अखिलेश यादव ने बताया 'BJP की विदाई' तो कांग्रेस बोली निराशाजनक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है।
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अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की विदाई का बजट बताया है। कांग्रेस ने बजट को निराशा जनक बताया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा कर एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है। यह भाजपा का ‘विदाई बजट’ है।
कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2024
भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है।
ये भाजपा का ‘विदाई बजट’ है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘बजट भाषण बहुत छोटा और निराशाजनक था। बहुत अधिक बयानबाजी थी। कई मुद्दों को छुआ नहीं गया। बेरोजगारी जैसे मुद्दे का उल्लेख ही नहीं किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार अपनी विफलता को भी सफलता को रूप में पेश करेगी। आम भारतीय मतदता से पूछिए कि सरकार की नीतियों से उसकी जेब में क्या मिला तो इसका जवाब मिल जाएगा कि देश का आम आदमी क्या सोचता है।’’
लोकसभा में कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर ने दावा किया, ‘‘यह बजट निराशाजनक है। यह कारपोरेट का हितैषी बजट है। इसमें गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है।’’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया, ‘‘चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये का बजट घाटा है। आने वाले साल में यह और बढ़ेगा। इसका मतलब है कि सरकार कर्ज लेकर अपना खर्च चला रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने अपनी वाहवाही की है और 10 साल पहले की सरकार को कमतर दिखाने की कोशिश की है। सदन में चर्चा के दौरान इसका विस्तृत जवाब दिया जाएगा।’’
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी देश की जनता को भाजपा मोदी सरकार द्वारा पेश बजट से निराशा हाथ लगी है। इस बजट से देश को समझ गया है कि भाजपा के पास देश के युवाओं, किसानों, आम आदमी, और महिलाओं के लिए काम करने की कोई नियत और इच्छा शक्ति और नियत नही है। 2024 में मोदी सरकार की विदाई पक्की हो गई है। इस बार भी देश के युवाओं, किसानों और मध्यवर्ग को धोखा दिया गया है। वादा कर वोट देश के युवाओं से नौकरियों के नाम पर लिया गया था। लेकिन काम सिर्फ उद्योगपतियों के लिए हुआ है। निजीकरण कर 14 लाख करोड़ कर्ज पूंजीपतियों का माफ हुआ।
गौरतलब हो कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इसके बाद नई सरकार आने पर जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।
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