UP Politics: सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने की अमित शाह से मुलाकात, मंत्री बनने को लेकर फिर अटकलें

Last Updated 04 Jan 2024 01:18:55 PM IST

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Subhaspa) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने गुरूवार को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।


राजभर ने की अमित शाह से मुलाकात

राजभर ने मुलाकात की तस्वीरें ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा, ‘‘अमित शाह से नव वर्ष पर आत्मीय मुलाकात हुई तथा उत्तर प्रदेश और बिहार की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई।’’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने, बंजारा जाति से जुड़ी सामाजिक समस्याओं, गोंड व ख़रवार जाति के जाति प्रमाण पत्र सहित वंचित व शोषित वर्गों के हितों से जुड़े अहम विषयों पर ‘सकारात्मक’ चर्चा हुई।



उल्लेखनीय है कि राजभर जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सर्वे कराया है जिसकी रिपोर्ट सरकार के पास है। राजभर ने शाह से मांग की कि वे जल्द से राज्य सरकार से इस रिपोर्ट को मंगवाए ताकि आगे की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

शाह से मुलाकात से पहले राजभर ने पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से और उससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधान सभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव का साथ छोड़कर फिर से एनडीए गठबंधन में शामिल होने वाले ओम प्रकाश राजभर लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार में फिर से मंत्री बनने को लेकर लॉबिंग कर रहे हैं।

इसके साथ ही राजभर लोक सभा चुनाव में भी भाजपा से ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना चाहते हैं। अगर राजभर को योगी सरकार में मंत्री नहीं बनाया जाता है तो वे स्वयं लोक सभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और इस बार राजभर गठबंधन में भाजपा से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल की तुलना में ज्यादा सीटें भी मांग रहे हैं।

ओम प्रकाश राजभर ने अपने इन्ही मुद्दों को लेकर कुछ दिन पहले 29 दिसंबर को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी।

उत्तर प्रदेश में 2017 के विधान सभा चुनाव में राजभर की पार्टी सुभासपा भाजपा के साथ मिलकर लड़ी थी। एनडीए के सत्ता में आने के बाद राजभर को योगी सरकार में मंत्री के तौर पर भी शामिल किया गया था, लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच खटास पैदा हो गई।

इसी वजह से चुनाव खत्म होते ही योगी आदित्यनाथ ने राजभर को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद से ही राजभर ने प्रदेश में भाजपा को हराने का अभियान छेड़ दिया था और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वो अखिलेश यादव के गठबंधन में शामिल हो गए थे लेकिन नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया। विधान सभा चुनाव में फिर से भाजपा की जीत के बाद राजभर, अखिलेश यादव का साथ छोड़कर दोबारा से एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए।

 

भाषा/आइएनएस
नई दिल्ली


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