Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी से जल्द मिल सकती है अच्छी खबर, NDRF के जवान गए टनल के अंदर
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 264 घंटे से ऊपर का समय बीत चुका है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था। जब अचानक ऊपर से मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। उम्मीद है अब कुछ ही देर में मजदूर सुबह का सूरज देख पाएंगे।

कहते हैं कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, और इस कहावत को चरितार्थ किया सिलक्यारा टनल हादसे में 12 दिनों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले तमाम एजेंसियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,बीआरओ,नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आईटीबीपी, और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम, जो लगातार 24 घंटे रेस्क्यू में जुटी हुई है और साथ ही उन 41 मजदूरों की भी, जो 12 दिनों से टनल के अंदर अपनी जिंदगी और मौत से डट कर सामना कर रहे हैं।
जी हां अब जल्द ही पहाड़ की सीना चीरकर 41 जिंदगियां, आखिरकार बाहर आने वाली हैं। सिलक्यारा सुरंग में अब हलचल बढ़ गई है। ऐंबुलेंस, ऑक्सीजन और बेड की तैयारी देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। एनडीआरएफ के 10 से 12 जवान रस्सी, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल के अंदर गए हैं।
इससे ये साफ है कि जल्द ही रेस्क्यू को सफलतापूर्वक खत्म किया जाएगा और अंदर फंसे मजदूर बाहर आ जाएंगे। बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जिसकी तैयारी की जा रही है। एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है। टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे।
टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है। टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल तैयार है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं। सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं। जहां वो उस पल के साक्षी बनेगें जब 41 मजदूर टनल से बाहर आएंगे।
प्रदेश के मुखिया यानी मुख्यमंत्री धामी कल रात ही उत्तरकाशी पहुंच गए थे। उन्होंने रात में सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया था। 41 मजदूरों के टनल से बाहर आने के साक्षी खुद मुख्यमंत्री धामी बनेंगे। सीएम धाम खुद रेस्क्यू स्थल पर डटे हैं। चिनूक हेलीकॉप्टर भी चिन्यालीसौड़ में लैंड कर चुका है। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से किसी को स्वास्थ्य कारणों से अगर एयरलिफ्ट करने की जरूरत होगी तो इसके लिए चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है।
केंद्र से सात सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम भी सिलक्यारा पहुंच चुकी है। इसमें कई टेक्निकल एक्सपर्ट शामिल हैं। इस टीम के साथ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। सिलक्यारा की टनल में अभी सिर्फ 6 मीटर ड्रिलिंग बची है।उम्मीद है कि आज सभी41 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। अभी मजदूरों को रेस्क्यू करने में पांच से 6 घंटे लग सकते हैं। रेस्क्यू टीम मजदूरों से कुछ ही मीटर की दूरी पर है।
सीएम धामी ने बताया कि, "सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के स्थलीय निरीक्षण हेतु उत्तरकाशी पहुंच रहा हूं।" वहीं अभी से ही हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस को तैनात कर दिया है। सभी एबुलेंस पर डॉक्टरों की एक टीम मौजूद है। क्योंकि मजदूरों की संख्या 41 है। इसलिए एंबुलेंस भी 41 ही मंगवाई गई हैं।
हालांकि कल रात ड्रिलिंग करते समय कोई चीज मशीन से टकराई थी, इसके कारण थोड़ी देर के लिए ड्रिलिंग का काम बाधित हुआ था। फिलहाल टनल में ड्रिलिंग का काम जिस सरिया के बीच में आने से रुक गया था, उसे काट दिया गया है और अब तेजी से ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्कतों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर लिया जाएगा।
अधिकारी भास्कर खुल्बे ने मजदूरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया सभी 41 मजदूर अच्छी हालत में हैं। सभी को खाना पीना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा किसी भी हालात से निपटने के लिए टनल के बाहर मेडिकल, एनडीआरएफ और जरूरी टीमों की तैनीती की गई है। दूसरी तरफ जिले के सभी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है। देहरादून से भी कई विशेषज्ञ डॉक्टरों को चिन्यालीसौड़ बुलाया गया है। इसके साथ एंबुलेंस की 41 गाड़ियां मौके पर हैं
। रेस्क्यू ऑपरेशन को देखते हुए दिल्ली से भी सात सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम सिलक्यारा पहुंच चुकी है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी टीम के साथ उत्तरकाशी पहुंचे हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी एयरलिफ्ट के लिए चिनूक की तैनाती भी की गई है।
आपको बता दें कि, 12 नवंबर की सुबह से 41 मजदूर सिलक्यारा की टनल में फंसे हैं। इनमें सबसे ज्यादा श्रमिक झारखंड के 15 हैं। उत्तर प्रदेश के 8 मजदूर सुरंग में फंसे हैं। ओडिशा के पांच और बिहार के चार श्रमिक टनल में हैं। पश्चिम बंगाल के 3 और असम के 3 लोग टनल में फंसे हैं। उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर भी पिछले 12 दिन से सिलक्यारा की टनल में फंसे हुए हैं।
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि जैसे ही मजदूरों को टनल से रेस्क्यू कर बाहर लाया जाएगा। उस वक्त आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया जाएगा। बता दें कि सभी 41 मजदूर दिवाली के दिन से ही टनल में फंसे थे। जिसके चलते उनकी और उनके परिवार, साथ ही रेस्क्यू में जुटी टीमों की दिवाली नहीं मनी थी। जिसको देखते हुए आज सफल रेस्क्यू होने पर बाहर दिवाली मनाए जाने की संभावना है।
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