ओवैसी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए: बोले- मोदी रुकवाएं इजराइल-हमास युद्ध, G20 अध्यक्षता के चलते PM की जिम्मेदारी

Last Updated 24 Oct 2023 03:37:34 PM IST

21 लाख की आबादी वाले ग़ज़ा में 10 लाख लोग बेघर हो गए हैं, 70 साल से इसराइल का वहां क़ब्ज़ा है। दुनिया ख़ामोश है- ओवैसी


हैदराबाद में आयोजित सार्वजनिक बैठक में ओवैसी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए

इजराइल-हमास युद्ध के बीच भारत में कई लोग फिलिस्तीन का सपोर्ट कर रहे हैं। समर्थन करने वालों में एक AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी हैं। ओवैसी ने कहा- इजराइल ग़ज़ा में जो कर रहा है वह नरसंहार है। PM मोदी को यह युद्ध रुकवाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

G20 के प्रमुख के तौर पर भारत के प्रधानमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी है कि वह युद्धविराम करवाएं। वहां एक ह्यूमन कॉरिडोर खुलवाएं, ताकि फिलिस्तीनियों को राहत मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।

ओवैसी ने यह बातें सोमवार रात पार्टी ऑफिस में फिलिस्तीन में इजराइल के अत्याचारों के विरोध में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कही। इसमें भारी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए। इस दौरान ओवैसी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे भी लगाए।

ओवैसी की सार्वजनिक बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें उन्होंने फिलिस्तीनी का समर्थन किया और इजराइल द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा करने का विरोध किया।

एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि इजराइल को 1992-93 के ओस्लो समझौते का सम्मान करने के अलावा अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि इजरायल को गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, येरूशलम और 1967 में अपने कब्जे से पहले के सभी क्षेत्रों पर अपना कब्जा खत्म करना होगा। इजरायल को अब एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलीस्तीनी राज्य के गठन को नहीं रोकना चाहिए।

एक अलग प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत को फिलिस्तीन के लोगों को समर्थन की विरासत का सम्मान करना जारी रखना चाहिए। ओवैसी ने कहा- हम भारत सरकार से आह्वान करते हैं कि वह महात्मा गांधी की बात को याद रखें, फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है, जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का और फ्रांस फ्रांसीसियों का है।

भारत हमेशा रंगभेद और उपनिवेशवाद के पीड़ितों के साथ खड़ा रहा है और एकजुटता से काम किया है, चाहे वह दक्षिण अफ्रीका हो, इंडोनेशिया हो या फिलिस्तीन।

बताते चलें कि इजराइल-हमास के बीच 7 अक्टूबर को जंग शुरू हुई थी। इस जंग के बीच भारत सरकार पूरी तरह से इजराइल का समर्थन कर रही है। PM मोदी ने कहा था कि संकट की घड़ी में हम इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इजरायल पर हमास के हमले को लेकर भारत का रुख साफ है, भारत इसे एक आतंकवादी हमले के रूप में देखता है।

उन्होंने कहा, 'जहां तक फिलिस्तीन का सवाल है, भारत ने बातचीत के जरिए हमेशा मान्यता प्राप्त सीमा के भीतर रहने वाले फिलिस्तीनियों के लिए संप्रभु और स्वतंत्र देश की स्थापना की वकालत की है।'

समय लाईव डेस्क
नई दिल्ली


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