'एक देश एक चुनाव' को लेकर केंद्र का बड़ा कदम, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित
केंद्र सरकार ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेठी गठित की है।
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'एक देश एक चुनाव' पर केंद्र ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बना दी है। आज इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
इस कमेटी का उद्देश्य 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर विचार करने के बाद सुझाव भारत सरकार को देगी और इन सुझावों एवं सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार इसके मामले में अपनी भविष्य की रणनीति और एजेंडा तैयार करेगी।
इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं।
बता दें कि एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएं। देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक (1952, 1957, 1962 और 1967) लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए गए थे लेकिन इस प्रथा को बाद में खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा।
इधर, कांग्रस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के इस फैसले को लेकर निशाना साधा है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'एक देश, एक चुनाव पर केंद्र सरकार की नीयत साफ नहीं दिख रही है, सरकार को अचानक इसकी जरूरत क्यों पड़ गई।
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। संघ प्रमुख भागवत ने 29 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। हालांकि दोनों नेताओं की मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया गया था।
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