Parliament Monsoon Session: आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक
केंद्र सरकार आज लोकसभा में विवादास्पद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पेश करेगी। यह विधेयक 2023 मई में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा।
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गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पेश करेंगे।
1 अगस्त को लोकसभा में होने वाले कामकाज की बिजनेस लिस्ट में इस विधेयक को शामिल किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक को पेश कर सकते हैं।
यह कानून जो दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के संबंध में सिफारिशों में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार देता है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 जुलाई को मंजूरी दे दी थी।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने इस साल 19 मई को विवादास्पद अध्यादेश जारी किया था, जिससे दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी।
दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े इस विधेयक पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देशव्यापी मुहिम चलाई । दिल्ली सरकार के साथ कांग्रेस समेत कई विरोधी दलों के आने के बावजूद इसका लोकसभा से पारित होना लगभग तय माना जा रहा है।
प्रस्तावित विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा, इसके लिए लोकसभा में वोटिंग होगी।
सरकार के रणनीतिकारों को यह भरोसा है कि वो मानसून के इसी सत्र के दौरान लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी इस बिल को पारित करवा लेगी।
दिल्ली सरकार इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है और कह रही है कि यह उसके अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर निर्णय लेने की उसकी शक्तियों को बाधित करता है।
इस विधेयक में सेवाओं को दिल्ली विधानसभा के क्षेत्राधिकार से बाहर रखने का प्रविधान किया गया है। दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने उक्त अध्यादेश जारी किया था।
इस बीच, सरकार लोकसभा में अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 को पारित करने की भी मांग करेगी, जिसका उद्देश्य समुद्र तल में खनन किए गए खनिजों की नीलामी की अनुमति देना है।
साथ ही, वह जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को निचले सदन में पारित कराने का प्रयास करेगी।
विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन करना चाहता है।
संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2022 भी मंगलवार को लोकसभा में पारित होने की संभावना है।
यह छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करने के लिए संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन करना चाहता है।
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