Sonia Gandhi का बयान उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला ‘भ्रामक’ : केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (kirenrijiju) और धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने लोकतंत्र और संस्थानों की स्वतंत्रता पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के अखबार में छपे लेख को लेकर मंगलवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि यह उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला ‘भ्रामक’ बयान तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रति नफरत का ‘सटीक उदाहरण’ है।
![]() केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू |
दोनों केंद्रीय मंत्रियों का यह तंज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘हर शक्ति का दुरुपयोग’ करने संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद किया गया।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Congress Parliamentary Party chief Sonia Gandhi) ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए अंग्रेजी के प्रमुख अखबार ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित एक लेख में कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए समान विचार वाले सभी दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों.. विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित तरीके से खत्म कर रही है और उसके कदम लोकतंत्र के प्रति ‘गहरे तिरस्कार’ को दर्शाते हैं।
रिजिजू ने ट्विटर (Twitter) पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमती सोनिया गांधी लोकतंत्र के बारे में व्याख्यान दे रही हैं? कांग्रेस पार्टी की ओर से न्यायपालिका की स्वतंत्रता (independence of judiciary) के बारे में बात करना उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला भ्रामक बयान है।’’
Smt Sonia Gandhi is lecturing about Democracy? Congress Party talking about independence of Judiciary is : An illusory statement of the highest improbity. https://t.co/JUQmXhY4Sq pic.twitter.com/QAIb6KzvRP
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 11, 2023
शिक्षा मंत्री प्रधान ने उनकी टिप्पणी को ‘मोदी के प्रति नफरत, गलत प्राथमिकताएं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिकता को जरूरत से ज्यादा महत्व दिए जाने का सटीक उदाहरण’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस है जो दोराहे पर खड़ी है, राष्ट्र नहीं। आने वाले दिन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी राजनीतिक संकट के कगार पर है।’’
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया कि राजस्थान से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से कर्नाटक तक कांग्रेस को पहले अपने संगठनात्मक तंत्र तक अपना संदेश पहुंचाना चाहिए, जो आंतरिक लोकतंत्र की कमी के साथ-साथ चाटुकारों की मंडली के कारण मुरझा रहा है।
प्रधान ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की परीक्षा नहीं है, बल्कि विशुद्ध रूप से कांग्रेस की परीक्षा है। कांग्रेस नेतृत्व को अपने भ्रम से बाहर आना चाहिए और जमीनी हकीकत के प्रति जागना चाहिए - भारत का लोकतंत्र फल-फूल रहा है, लोग पीएम मोदी के इरादों को जानते हैं और यही कारण है कि वे उन पर विास करते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं।’’
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