NCERT की किताब से गांधी व संघ हटे थोड़ा-थोड़ा

Last Updated 06 Apr 2023 09:50:32 AM IST

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की नए शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में ‘महात्मा गांधी की मौत का देश में साम्प्रदायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू-मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया,’ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं।


एनसीईआरटी (NCERT)

NCERT ने हालांकि यह दावा किया है कि इस वर्ष पाठ्यक्रम में कोई काट-छांट नहीं की गई है और पाठ्यक्रम को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था। पिछले वर्ष पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और कुछ अंशों के अप्रसांगिक होने के आधार पर NCERT ने गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि के कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था। पाठ्यपुस्तक को युक्तिसंगत बनाने के नोट में महात्मा गांधी के अंश के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।

NCERT की 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्र भारत में राजनीति भाग-2 में वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के अंश नहीं हैं, हालांकि 1984 के सिख दंगों का उल्लेख है। इस पुस्तक में क्षेत्रीय आकांक्षाएं खंड में पंजाब के संदर्भ में 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख समुदाय के विरूद्ध भड़की हिंसा का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि सिखों को सबसे ज्यादा दुख इस बात का था कि सरकार ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए बड़ी देर से कदम उठाए। साथ ही हिंसा करने वाले लोगों को कारगर तरीके से दंड भी नहीं दिया गया।

सभी प्रक्रियाओं का पालन किया : एनसीईआरटी

NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा, ‘‘पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने की कवायद पिछले वर्ष की गई और इस वर्ष जो कुछ हुआ है, वह नया नहीं है।’’ उन्होंने हालांकि बिना घोषणा के युक्तिसंगत बनाने की कवायद के परिणामस्वरूप हटाए गए अंशों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। सकलानी ने कहा कि युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया में सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया, जिसमें कई पाठों में से कई अंशों को कम किया गया।

NCERT के प्रमुख ने कहा कि इसे विषयांतर करके नहीं देखा जाना चाहिए और पाठ्यपुस्तक में किए गए बदलावों के बारे में एक-दो दिनों में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम ढांचे पर अब भी काम चल रहा है और नई पाठ्यचर्या अकादमिक सत्र 2024 से पेश की जाएगी।

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment