सीमा को लेकर Bhutan को किया आगाह, मदद का पिटारा भी खोला
भारत ने भूटान के शीर्ष नेतृत्व को चीन के साथ सीमाओं के संबंध में भारत की चिंताओं की गंभीरता से अवगत कराया और देश की 13वीं पंचवर्षीय योजना के साथ नवीकरणीय ऊर्जा, आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग के नए रोडमैप को तय करने के साथ ही अग्रिम ऋण सुविधा देने की घोषणा की।
![]() भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामज्ञाल वांगचुक के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। |
भारत की विशेष यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचे भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामज्ञाल वांगचुक (King of Bhutan Jigme Khesar Namgyal Wangchuck) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) के साथ यहां हुई अलग अलग बैठकों में इन मुद्दों पर बातचीत हुई। भूटान नरेश (king of bhutan) के यहां पहुंचने पर सोमवार शाम विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की थी।
मंगलवार सुबह सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने उनसे भेंट की। सूत्रों के अनुसार भूटान नरेश के साथ सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने भी मुलाकात की और सीमा संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके बाद भूटान नरेश सात लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री निवास पहुंचे।
प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सीमा संबंधी प्रश्नों के उत्तर में कहा, भूटान नरेश एवं प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर बातचीत की और हम सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर एक दूसरे के निरंतर संपर्क में रहेंगे।
क्वात्रा से पूछा गया था कि बैठक में डोकलाम एवं सीमा मामले खासतौर पर भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग (Prime Minister of Bhutan Lotay Tshering) के बयान वाले मुद्दे पर क्या बात हुई। डोकलाम त्रिपक्षीय सीमा बिन्दु एवं भूटान चीन सीमा मुद्दे को लेकर सवालों पर विदेश सचिव ने कहा कि सरकार उन सब मुद्दों एवं गतिविधियों पर पैनी नजर रखती है जिनका संबंध हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से होता है और हम उनकी रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में सामाजिक आर्थिक सुधारों के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया और भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए सहायता को बढ़ाने पर सहमति जतायी। यही नहीं, भारत भूटान को अतिरक्त ऋण सहायता देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि हम भूटान को कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए दीर्घकालिक सतत सहायता की व्यवस्था करने के लिए प्रयास करेगा। इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों एवं कोयला जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए भी दीर्घकालिक द्विपक्षीय करार के लिए काम करेगा।
| Tweet![]() |