सैन्य अधिकारियों को रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल व परमाणु आपात चिकित्सा का प्रशिक्षण
भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल तथा परमाणु आपात स्थितियों (सीबीआरएन) के चिकित्सा प्रबंधन पर एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
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यह प्रशिक्षण कार्यशाला 07 से 10 फरवरी, 2023 तक सेना अस्पताल (रिसर्च और रेफरल) में संचालित हो रही है। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना तथा एनडीआरएफ के 60 चिकित्सा एवं नर्सिंग अधिकारी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य युवा सेवा चिकित्सा पेशेवरों को सीबीआरएन माहौल में कार्य करने तथा सीबीआरएन आपात स्थितियों के दौरान प्राथमिक उपचार एवं दीर्घकालिक प्रबंधन में आवश्यक सुविधाओं के साथ राहत पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित करना है। कार्यशाला में सशस्त्र सेना चिकित्सा महाविद्यालय, परमाणु चिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान, एनडीआरएफ, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना इकाइयों के विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान, सीबीआरएन अभ्यासों के प्रदर्शन व सीबीआरएन उपकरणों के उपयोग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय की चिकित्सा शाखा, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के चिकित्सा एवं नर्सिंग अधिकारियों के लिए यह 11वीं कार्यशाला आयोजित की जा रही है।रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) आपात स्थितियों के प्रबंधन के लिए यह सशस्त्र बलों के चिकित्सा एवं नसिर्ंग अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल बी.आर. कृष्णा ने आज 7 फरवरी, 2023 को इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। सेना अस्पताल (रिसर्च और रेफरल) कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. जिंदल, एकीकृत रक्षा स्टाफ (चिकित्सा) के उप प्रमुख एयर मार्शल राजेश वैद्य, तीनों सेवाओं के चिकित्सा निदेशालयों के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जैसे राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थानों के वरिष्ठ सहयोगी भी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे।
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