दिल्ली हाईकोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी की बर्खास्तगी पर रोक लगाने से किया इनकार

Last Updated 27 Sep 2022 07:15:00 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को गुजरात के आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा की बर्खास्तगी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिन्होंने गुजरात में इशरत जहां की कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच में सीबीआई की मदद की थी।


दिल्ली उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने आदेश में कहा, "नतीजतन, हम इस स्तर पर बर्खास्तगी दिनांक 30.08.2022 के आदेश पर रोक लगाने या उस पर रोक लगाने के इच्छुक नहीं हैं।"

अदालत ने केंद्र से इस मामले में आठ सप्ताह के भीतर जवाब और उसके बाद चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को भी कहा। मामले की अगली सुनवाई अगले साल 24 जनवरी को होगी।

वर्मा को 30 सितंबर को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले 30 अगस्त को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

आरोपों में सार्वजनिक मीडिया के साथ बातचीत करना शामिल था जब वह उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन, शिलांग के मुख्य सतर्कता अधिकारी थे।



उन्होंने अप्रैल 2010 और अक्टूबर 2011 के बीच 2004 के इशरत जहां मामले की जांच की थी और उनकी जांच रिपोर्ट पर, एक विशेष जांच दल ने इसे एक फर्जी मुठभेड़ माना था।

इससे पहले, वर्मा ने भी उच्च न्यायालय द्वारा गृह मंत्रालय को विभागीय जांच के मद्देनजर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसने उनके खिलाफ आरोपों को साबित कर दिया था।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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