Parliament Monsoon Session: लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, 2 बजे तक स्थगित
विभिन्न विषयों पर कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
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एक बार के स्थगन के बाद पूर्वाह्न 11:45 बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने प्रश्नकाल पूरा कराया। इस दौरान आंध्र प्रदेश से वाईएसआरसीपी के एक सदस्य द्वारा मछुआरों से संबंधित प्रश्न पूछे जाने के दौरान कुछ सदस्यों ने शोर-शराबा किया।
प्रश्नकाल के दौरान ही तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय कुछ कहने का प्रयास करते देखे गये जिस पर पीठासीन सभापति ने उन्हें शून्यकाल में बोलने का अवसर देने की बात कही।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद मंत्रियों और सदस्यों ने आज की कार्यसूची में उल्लेखित आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किये।
पीठासीन सभापति ने शून्यकाल शुरू कराया और हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य धरमवीर सिंह ने अपना विषय रखा। इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे थे जिस पर अग्रवाल ने कहा कि वे कृपया बैठ जाएं, उन्हें बोलने का अवसर दिया जायेगा ।
हालांकि विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज होने पर पीठासीन सभापति अग्रवाल ने दोपहर लगभग 12:07 बजे कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11 बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने करगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ पर मातृभूमि की रक्षा में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले देश के वीर सपूतों को नमन किया।
सदन में सदस्यों ने कुछ पल मौन रखकर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद, प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और पशुपालन एवं मत्स्यपालन राज्य मंत्री एल मुरूगन ने उनके उत्तर दिये।
विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि संसद नारेबाजी के लिए नहीं, चर्चा और संवाद के लिए है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी भी सदस्य पर कार्रवाई नहीं करना चाहता लेकिन सदन में तख्तियां और नारेबाजी भी नहीं देखना चाहता। देश की जनता आपके हाथों में तख्तियां नहीं देखना चाहती।’’
उन्होंने हंगामा करने वाले सदस्यों से कहा कि ‘‘आप सब माननीय है, देश की जनता ने आपको भेजा है और देश की जनता देख रही है, इसलिये मर्यादा बनाए रखें।’’
बिरला ने कहा कि सदन चर्चा के लिये है, सहमति या असहमति हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज जीएसटी से जुड़ा प्रश्न भी है, इस पर सवाल पूछ सकते हैं ।
सदन में व्यवस्था बनती नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद बैठक 11 बजकर 45 मिनट तक के लिये स्थगित कर दी।
लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार को भी विपक्षी सदस्यों को सदन में तख्तियां नहीं दिखाने की चेतावनी दी थी और बाद में कांग्रेस के चार सदस्यों को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।
राज्यसभा में फिर हंगामा, कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित
महंगाई सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के दस मिनट के भीतर ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
उन्होंने सदन को बताया कि कई सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन उन्होंने सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया है।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। सभापति ने सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा ‘‘क्या आप कुछ भी नहीं सुनना चाहते...?’’
हंगामे के कारण नायडू ने सदन की कार्यवाही 11 बज कर छह मिनट पर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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