चीनी वीजा घोटाला: सीबीआई ने की कार्ति चिदंबरम से लगातार तीसरे दिन पूछताछ

Last Updated 28 May 2022 11:57:07 AM IST

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2011 में तलवंडी साबो बिजली परियोजना के निर्माण में शामिल चीनी कर्मचारियों को 263 वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में सांसद कार्ति चिदंबरम से शनिवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


लगातार तीसरे दिन CBI के सामने पेश हुए कार्ति (फाइल फोटो)

उन्होंने बताया कि कार्ति शनिवार सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और उनसे पूरे दिन पूछताछ जारी रहने की संभावना है।


मीडिया से बातचीत करते हुए कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सीबीआई के खिलाफ उनके गोपनीय संसदीय कागजात जब्त करने के लिए लिखा था और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने अपनी पूछताछ की तुलना एक टेस्ट क्रिकेट खेल से करते हुए जांच एजेंसी पर कटाक्ष किया और इसे उत्पीड़न और राजनीतिक प्रतिशोध की 'रणनीति' करार दिया।

एस. भास्कररमन उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट, वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में हैं। उसका सामना कार्ति से होगा। सीबीआई ने अदालत से कहा था कि वह दोनों आरोपियों का सामना करना चाहती है।

सीबीआई ने इस मामले में 65,000 ईमेल भी बरामद किए हैं जिन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान बरामद सेल्स डीड बेहद अहम है। यह बिक्री विलेख जोर बाग में खरीदी गई संपत्ति का है और पावर ऑफ अटॉर्नी भास्कररमन के नाम है जबकि संपत्ति कार्ति और उनकी मां ने खरीदी थी।

इस सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से पूछताछ की जाएगी।

अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई गुरूवार से कार्ति से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ कर रही है, जिसे कांग्रेस नेता ने ‘‘फर्जी’’ और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का परिणाम बताया
है। यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी एस भास्कररमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के मामले में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि रिश्वत लेकर 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा जारी किया गया। टीएसपीएल पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि परियोजना वीजा 2010 में बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए पेश किए गए एक विशेष प्रकार के वीजा थे, जिसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान जारी किए गए थे। हालांकि, इन्हें फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था।

जांच एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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