सजा से पहले यासीन मलिक ने खेला 'गांधीवादी कार्ड'

Last Updated 25 May 2022 05:55:28 PM IST

आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने बुधवार को अदालत से कहा कि वह हथियार छोड़ने के बाद भी 'गांधीवादी सिद्धांतों' का पालन कर रहे हैं। मामले में अपराधों के लिए सजा का इंतजार कर रहे मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।


सजा से पहले यासीन मलिक ने खेला 'गांधीवादी कार्ड'

सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा, "हथियार गिराने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है। तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं।"

अदालत के सूत्रों के अनुसार, विशेष न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मलिक को मौत की सजा के लिए तर्क दिया।

अदालत ने बुधवार की सुनवाई से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों को टेरर फंडिंग मामले में उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का भी निर्देश दिया था।

अभियुक्त को अधिकतम मृत्युदंड की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि न्यूनतम सजा उन मामलों में आजीवन कारावास हो सकती है, जिनमें वह शामिल है।

यासीन मलिक पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कश्मीर में शांति को भंग करने, टेरर फंडिंग में शामिल होने के आरोप है।

उसने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख को उसने अदालत को बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) के तहत अपराधी है।

वर्तमान मामला विभिन्न आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्बुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) से संबंधित है। इसने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दिया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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