यूक्रेन पर उपदेश देने वाली शक्तियां एशिया को भी देखें : जयशंकर

Last Updated 27 Apr 2022 02:38:18 AM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूक्रेन पर भारत के रुख की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पश्चिमी शक्तियां एशिया के सामने आने वाली चुनौतियों से बेखबर हैं, जिसमें अफगानिस्तान में पिछले साल की घटनाएं और क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था पर लगातार दबाव शामिल है।


यूक्रेन पर उपदेश देने वाली शक्तियां एशिया को भी देखें : जयशंकर

‘रायसीना डायलॉग’ में एक संवाद सत्र में, जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में संकट यूरोप के लिए चेताने वाला हो सकता है, ताकि वह यह भी देखे कि एशिया में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से यह दुनिया का आसान हिस्सा नहीं है। यूक्रेन की स्थिति पर नॉर्वे के विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड के एक विशिष्ट प्रश्न पर, जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि जहां तक यूक्रेन में संघर्ष का सवाल है, हमारा बहुत स्पष्ट रुख है, जिसे साफ तौर पर व्यक्त किया गया है। एक दृष्टिकोण जो लड़ाई की तत्काल समाप्ति पर जोर देता है, जो कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आग्रह करता है, जो राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल देता है।

उन्होंने कहा, आपने यूक्रेन के बारे में बात की थी। मुझे याद है, एक साल से भी कम समय पहले, अफगानिस्तान में क्या हुआ था, जहां समूची नागरिक संस्थाओं को दुनिया ने अपने फायदे के लिए उसके हाल पर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा, मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा, हम सभी अपने विश्वासों और हितों, अपने अनुभव का सही संतुलन खोजना चाहेंगे, और यही सब वास्तव में करने की कोशिश करते हैं। यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अलग दिखता है। प्राथमिकताएं अलग हैं और यह काफी स्वाभाविक है।

मंत्री नॉर्वे और लक्ज़मबर्ग के अपने समकक्षों के साथ-साथ स्वीडन के पूर्व प्रधान मंत्री कार्ल बिल्ड द्वारा यूक्रेन संकट पर किए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। जयशंकर ने कहा, काफी स्पष्ट रूप से, हम पिछले दो महीनों से यूरोप से बहुत सारी दलीलें सुन रहे हैं कि यूरोप में चीजें हो रही हैं और एशिया को इसकी चिंता करनी चाहिए क्योंकि यह एशिया में हो सकता है। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों से एशिया में चीजें हो रही हैं। यूरोप ने इस पर ध्यान नहीं दिया होगा। इसलिए यह यूरोप के लिए चेतावनी हो सकता है कि वह सिर्फ यूरोप को ही नहीं देखे बल्कि एशिया को भी देखे। विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि समस्याएं होने वाली हैं और समस्याएं एशिया में हो रही हैं।

उन्होंने कहा, यह पिछले एक दशक से दुनिया का एक आसान हिस्सा नहीं रहा है और यह दुनिया का एक ऐसा हिस्सा है, जहां सीमाएं तय नहीं हुई हैं, जहां आतंकवाद अब भी अक्सर राष्ट्रों द्वारा प्रायोजित किया जाता है। जयशंकर ने कहा, यह दुनिया का एक हिस्सा है, जहां नियम-आधारित व्यवस्था एक दशक से अधिक समय से लगातार दबाव में है और मुझे लगता है कि एशिया के बाहर, बाकी दुनिया के लिए आज इसे पहचानना महत्वपूर्ण है। अपने प्रश्न में, बिल्ड्ट ने विदेश मंत्री से पूछा कि यूक्रेन में जो हो रहा है, उससे चीन क्या निष्कर्ष निकाल सकता है और क्या बीजिंग द्वारा उन चीजों को करने की संभावना को देखने की आशंका है, जिन्हें अन्यथा अनुमति नहीं दी जाएगी।

साथ ही स्वीडिश नेता की इस टिप्पणी पर कि चीन यूक्रेन में संकट से जो निहितार्थ निकाल सकता है उसके भारत की सुरक्षा के लिए बड़े असर हो सकते हैं, जयशंकर ने कहा कि यह सवाल चीनी विदेश मंत्री वांग यी से पूछा जाना चाहिए था। जयशंकर ने जवाब दिया, मैं ईमानदारी से उस सवाल का जवाब नहीं दे सकता। लेकिन मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय संबंध जरूरी रूप से पूर्व के नजीर से काम करते हैं। लोगों को वहां कुछ देखने और कहने की जरूरत नहीं है कि मैं यही करने जा रहा हूं।’’

यूक्रेन पर भारत का रुख यूरोपीय देशों के समान रहेगा : पोलैंड

पोलैंड के विदेश मंत्री ज्बिग्निऊ राउ ने मंगलवार को विश्वास जताया कि यूक्रेन के मुद्दे पर भविष्य में भारत का रुख यूरोपीय देशों के समान ही होगा। उन्होंने कहा कि घरेलू राजनीति समेत अनेक कारणों से कुछ समय के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं जरूर हो सकती हैं।

रायसीना डायलॉग के एक सत्र में भाग लेते हुए राउ ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोपीय देशों के लिए भारत दुनिया में ‘सबसे बड़ा लोकतांत्रिक साझेदार’ है जिसका अर्थ हुआ ‘हम समान मूल्य और सिद्धांत साझा करते हैं और हम समान राजनीतिक फैसलों और समाधानों के लिए खड़े हैं।’

जब उनसे पूछा गया कि यूक्रेन के संदर्भ में उनके पास भारत के प्रधानमंत्री के लिए क्या संदेश है तो राउ ने भारत और चीन के बीच समझौते के तहत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का उल्लेख किया, जिन्हें पंचशील भी कहा जाता है।

उन्होंने दावा किया कि ये सिद्धांत रूस के हमलों के पीड़ितों के समर्थन की ओर इशारा कर रहे हैं। पोलिश मंत्री ने कहा, ‘हम घरेलू राजनीति समेत अनेक कारणों से एक निश्चित समयावधि के लिए अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दे सकते हैं, लेकिन मूल्यों और हमारे भविष्य के सहयोग के लिहाज से मुझे विश्वास है कि हम एकमत रहेंगे।’’

सहारा न्यूज ब्यूरो/भाषा
नई दिल्ली


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