सरकार डेटा की सुरक्षा के कड़े नियम बनाएगी: शाह

Last Updated 07 Apr 2022 01:45:25 AM IST

दण्ड प्रक्रिया (शनाख्त) विधेयक, 2022 बुधवार को राज्यसभा से भी पारित हो गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।


गृह मंत्री अमित शाह

इसमें अपराधी के बायोमेट्रिक सैंपल के साथ बायोलॉजिकल सैंपल लेने का भी प्रावधान है, जिसकी वजह से विपक्ष इसके दुरुपयोग की आशंका जताता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा के जवाब में साफ किया है कि इसके तहत नाकरे एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग नहीं होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीतिक आंदोलन के दौरान अगर कोई नेता या कार्यकर्ता कानून तोड़ता है, तो उनका कोई डेटा नहीं लिया जाएगा। कांग्रेस के पी चिदम्बरम, सपा के रामगोपाल यादव, तृणमूल के सुखेंद्र शेखर, द्रमुक के त्रिची शिवा, शिवसेना के संजय राउत, आप के संजय सिंह समेत विपक्ष के अधिकांश सांसदों ने राजनीतिक बदला लेने और पुलिस को शैतान बनाने जैसे आरोप लगाए। उन्होंने विधेयक को इस वजह से प्रवर सीमिति के पास विचार करने के लिए भेजने का प्रस्ताव भी लाया, जो वोटिंग में गिर गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने जवाब में कहा कि नए बनने वाले कानून के जरिए राजनीतिक या सामाजिक कार्यकर्ताओं का दमन न हो, इसके लिए धारा 3 के नियम बनाते समय अपेक्षित सावधानी बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि फिर भी अगर इसका दुरुपयोग होगा तो देश की अदालतें इसको देखेंगी। गृह मंत्री ने कहा कि डेटा को नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो पूरी तरह सुरक्षित रखेगा, इसे किसी भी एजेंसी के साथ साझा करने की प्रक्रिया भी बेहद मजबूत होगी और यह सब नियमों में डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि डेटा के मामले में तीसरा पक्ष या निजी एजेंसी का किसी भी स्तर पर दखल नहीं होगा। गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष को आमजन के बीच शंका का यह बादल नहीं निर्मित नहीं करना चाहिए कि यह किसी भी तरह से निजता पर हमला जैसा प्रयास है। उन्होंने कांग्रेस की तरफ इशारा करके कहा कि आप सत्ता में रहकर शक्तियों का दुरुपयोग कर चुके हैं, हम उनमें से नहीं हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक प्रधानमंत्री की स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इससे जांच एजेंसियों के सामने अपराधियों के खिलाफ सबूतों की कमी नहीं रहेगी और न्याय में देरी भी नहीं होगी। गृह मंत्री ने बताया कि अभी सबूतों के अभाव में हर साल साढ़े सात लाख अपराधी छूट जाते हैं, डेटा जमा करने वाले नए कानून की वजह से यह संख्या आधी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कानून का बड़ा मकसद ये ही है कि दोषसिद्धि की दर बेहतर हो और पुलिस व फोरेंसिंग टीम की क्षमता में वृद्धि हो। इस मौके पर गृह मंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष नए बनने वाले कानून को कड़ा बता रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि हमारा कानून इस मामले में दुनिया के मुकाबले बच्चा है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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