सुरक्षा में सेंध लगा रहा ड्रैगन

Last Updated 30 Mar 2022 02:51:37 AM IST

गलवान घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों और ड्रैगन सेना के टकराव के बाद पिछले दो साल से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है।


सुरक्षा में सेंध लगा रहा ड्रैगन

ऐसे में वह कभी पाकिस्तान तो कभी नेपाल को धन के टुकड़े फेंककर भारत के खिलाफ साजिश का माहौल तैयार कर रहा है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी संबंधों में आई तल्खी पाटने के लिए भारत की यात्रा पर आए थे। लेकिन चीन अंदरखाने हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रचते रहता है।

नेपाल में चीन अपना पैर पिछले एक दशक से पसारने की कोशिश कर रहा है। नेपाली कम्युनिस्ट सरकार के बाद चीन के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ी हैं। नेपाल के माध्यम से चीन भारत को घेरना चाहता है। ऐसे में हर तरह की साजिश रचने के लिए वह काम करता रहता है। खुफिया सूत्रों के अनुसार अब चीन नेपाल में अलीपे डिजिटल वॉलेट के जरिए भारतीय सुरक्षा में सेंध लगा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार को दिए खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सबसे बड़े डिजिटल वॉलेट को नेपाल में बढ़ावा देने के लिए चीनी कंपनी ग्राहक बनाने के लिए पैसों का लालच दे रही है।

इससे वहां की जनता से कई तरह की निजी जानकारियां तो जुटाई ही जा रही हैं, बल्कि ऐसा करने से भारतीय सुरक्षा में भी सेंध लगता है। अलीपे चीन का सबसे बड़ा मोबाइल डिजिटल पेमेंट वॉलेट है। नेपाल में दो साल पहले 2020 में इसके चलन की मंजूरी मिली थी। लेकिन नेपाल के लोगों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इससे परेशान होकर कंपनियों ने नेपाली लोगों को लालच देना शुरू कर दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल पेमेंट एप अलीपे का ग्राहक बनाने के लिए कंपनी के कर्मचारी गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं और उन्हें इस एप को डाउनलोड करने का लालच दे रहे हैं। इस एप पर एक अकाउंट खोलने के बदले में कंपनी 2000 नेपाली रु पए की लालच दे रही है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियों के अधिकारी अकाउंट खोलने के लिए नेपाली लोगों की जानकारियां जुटा रही हैं। इसमें पासपोर्ट और निजी जानकारियां मांगी जा रही है। लोग लालच में इस एप का ग्राहक बन रहे हैं।

यह भारत के लिए खतरा बन रहा है। दरअसल, भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट है। गोरखा रेजिमेंट में हजारों सैनिक नेपाल के डोमिसाइल वाले नागरिक होते हैं। गोरखा रेजिमेंट में कुल 45 बटालियन नेपाली डोमिसाइल वाले गोरखा हैं। एक बटालियन की स्ट्रेंथ 600 के करीब है। उस हिसाब से भारतीय सेना में नेपाली गोरखा जवानों की संख्या लगभग 27000 हो जाती है। इसके अलावा 50 से एक लाख के बीच भारतीय सेना से रिटार्यड गोरखा है। इनके परिवार के सदस्य भी होंगे। ये भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

भारत सरकार इन रिटार्यड सैनिकों की पेंशन, मेडिकल और अन्य सुविधाएं देती है। इनका अकाउंट नेपाली बैंक के साथ कनेक्ट हुआ, तो आसानी से सारे निजी जानकारियां चीन को हासिल हो सकती हैं। अगर यह जानकारी चीनी कंपनियों तक पहुंचती है, तो सामरिक दृष्टिकोण से भारत पर प्रतिकुल असर पड़ेगा। वैसे भी चीनी हैकर भारतीय सरकारी जानकारी जुटाने के लिए हमेशा लगे रहते हैं। ऐसे में डिजिटल पेमेंट के जरिए भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाकर चीन भारत विरोधी गतिविधियों को हवा दे सकता है।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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