हिजाब पर फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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हाई कोर्ट ने कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।
हाई कोर्ट के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली कई अन्य याचिकाएं पहले ही सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं।
एआईएमपीएलबी ने दो अन्य याचिकाकर्ताओं के साथ अपनी याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट द्वारा तय किए गए चार मुद्दे में इस मूल मुद्दे पर विचार नहीं किया गया कि आवश्यक धार्मिक प्रथा के सिद्धांत पर विचार करना आवश्यक है या नहीं, जहां याचिकाओं ने संविधान के अनुच्छेद 25(1) और 19(1)(ए) के तहत उनके मौलिक अधिकार पर जोर दिया है।
अधिवक्ता एमआर शमशाद के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि दूसरा, उक्त मुद्दों पर निर्णय करते समय सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्तावों पर बहुत अधिक जोर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप मुख्यधारा की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली से एक वर्ग के भेदभाव, बहिष्कार और समग्र रूप से वंचित होने के अलावा यह एक व्यक्ति के पवित्र धार्मिक विश्वास का गंभीर रूप से अतिक्रमण करता है।
याचिका में कहा गया है कि यह मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ प्रत्यक्ष भेदभाव का मामला है।
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