MCD Amendment Bill 2022: लोकसभा में पेश हुआ दिल्ली नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक, इन दलों ने जताई आपत्ति
दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश हो गया है। कांग्रेस, बसपा और आरएसपी सांसदों ने विधेयक पेश करने का विरोध किया।
![]() MCD के एकीकरण का विधेयक लोकसभा में पेश, इन दलों ने जताई आपत्ति |
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से लोक सभा में दिल्ली नगर निगम ( संशोधन ) विधेयक - 2022 को पेश करते हुए कहा कि दिल्लीवासियों की भलाई के लिए संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक ही इस विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए सदन में पेश किया जा रहा है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी एवं गौरव गोगोई, बहुजन समाज पार्टी सांसद रितेश पांडेय और आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक को भारतीय संघीय ढांचे और भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए लोकसभा में इस बिल को पेश करने का विरोध किया। विरोधी दलों की तरफ से यह तर्क दिया गया कि दिल्ली में नगर निगमों को लेकर कानून बनाने का अधिकार संसद को नहीं बल्कि सिर्फ दिल्ली की विधानसभा को है।
इस दौरान बसपा सांसद रितेश पांडेय और भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के बीच लोकसभा में तीखी बहस भी हुई।
विरोधी दलों के तर्कों को खारिज करते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 239 ( क ) के तहत इस विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया गया है और संसद को दिल्ली नगर निगम से जुड़े कानून को बनाने या इसे संशोधित करने का पूरा अधिकार है।
राय ने आगे कहा कि 10 वर्ष पहले दिल्ली नगर निगम का विभाजन करते समय जो सोच थी कि इससे नागरिक सुविधाओं में सुधार आएगा-बढ़ोतरी होगी, लोगों को फायदा होगा और कर्मचारियों का कल्याण होगा, ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसलिए नगर निगम में वेतन की हालत सुधारने, प्रशासन में एकरूपता लाने और दिल्लीवासियों के हित में तीनों नगर निगमों के एकीकरण करने का यह विधेयक लाया गया है।
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