Budget 2022: विपक्ष ने बजट की आलोचना की, कहा- मिडिल क्लास के साथ विश्वासघात, युवाओं की जीविका पर प्रहार
विपक्ष ने मंगलवार को संसद में पेश 2022-23 के आम बजट के लिए सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘‘विश्वासघात’’ और युवाओं की जीविका पर ‘आपराधिक प्रहार’ किया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के बजट में किसी भी तरह के कर राहत की घोषणा नहीं की है, जिसके बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मध्यम और वेतनभोगी वर्ग के साथ विश्वासघात किया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है। मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।’’
M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
Nothing for
- Salaried class
- Middle class
- The poor & deprived
- Youth
- Farmers
- MSMEs
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?
रोज़गार विरोधी भी है #Budget2022 !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 1, 2022
7 साल पहले ‘मेक इन इंडिया’ चलाया,
कहा 2 करोड़ रोज़गार हर साल देंगे,
यानी 7 साल में 14CR रोज़गार,
पर कितने दिए, ये नहीं बताते,
हाँ, कोरोना में 12.20CR रोज़गार गए।
अब कहते हैं PLI से 60 लाख रोज़गार देंगे,
कब तक और कैसे?
और पहला वादा? जुमला था?
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘शहरी रोजगार गारंटी के बारे में कोई घोषणा नहीं हुई। मनरेगा के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर 73 हजार करोड़ रुपये रहा। युवाओं की जीविका पर आपराधिक हमला हुआ है।’’
Budget for whom?
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 1, 2022
The richest 10% Indians owns 75% of the country's wealth.
Bottom 60% own less than 5%.
Why are those who amassed super profits during the pandemic, while joblessness, poverty & hunger have grown, not being taxed more?#Budget2022
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है । बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है। ‘पेगासस स्पिन बजट’ है।’’
BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING - A PEGASUS SPIN BUDGET
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं। किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री कोई परवाह नहीं करते।
हालांकि, वित्त मंत्री ने करदाताओं को कुछ राहत देते हुए घोषणा की कि अब दो साल के भीतर अपडेट आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। लेकिन टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, "बजट ने पीएम मोदी के बड़े व्यापारिक मित्रों के हितों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसने बेरोजगारी और मुद्रास्फीति की समस्याओं को नहीं सुलझाया है। यह बजट केवल असमानता को बढ़ाएगा और हमारी आबादी के सबसे बड़े वर्ग को कमजोर कर देगा।"
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "एक तरफ, बजट जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण की रक्षा की बात करता है। दूसरी ओर, यह पारिस्थितिक रूप से विनाशकारी नदी-जोड़ने वाली परियोजनाओं को आगे बढ़ाता है। बयानबाजी अच्छी लगती है। लेकिन कार्रवाई अधिक मायने रखती है। उस मोर्चे पर, मोदी सरकार विनाशकारी रास्ते पर है।"
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