टीकाकरण से जुड़े हर व्यक्ति को मेरा सलाम
टीकाकरण अभियान का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि इसने वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई को बेहद मजबूत बनाया और इसके चलते ही लोगों की जान बचाई जा सकी और सुरक्षित तरीके से आजीविका चलाई जा सकी।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
उन्होंने कहा कि जब वैश्विक महामारी पहली बार आई थी, तब वायरस के बारे में ज्यादा नहीं पता था।
हालांकि, हमारे वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों ने टीकों को विकसित करने में खुद को झोंक दिया। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत को इस बात पर गर्व है कि हमारे देश ने टीकों के माध्यम से वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ने में योगदान दिया। उन्होंने कहा, मैं, टीकाकरण अभियान से जुड़े प्रत्येक व्यक्तिको सलाम करता हूं।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में काफी ताकत जोड़ी है।
ट्वीट कर प्रधानमंत्री ने कहा, "आज हमने वैक्सीन अभियान का एक साल पूरा कर लिया है। मैं टीकाकरण अभियान से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को सलाम करता हूं। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बहुत ताकत जोड़ी है। इसने लोगों की जान बचाई है और इस तरह आजीविका की रक्षा की है।"
"जब कोविड-19 महामारी पहली बार आई थी, तब हमें वायरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। हालांकि, हमारे वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों ने खुद को टीके विकसित करने में लगा दिया। भारत को गर्व महसूस होता है कि हमारा देश टीकों के माध्यम से महामारी से लड़ने में योगदान देने में सक्षम है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका असाधारण है।
"उसी समय, हमारे डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका असाधारण है। जब हम दूरदराज के इलाकों में लोगों को टीका लगाए जाने की झलक देखते हैं और हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता वहां टीका लेते हैं, तो हमारा दिल और दिमाग गर्व से भर जाता है।"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि महामारी से लड़ने के लिए भारत का दृष्टिकोण विज्ञान आधारित रहेगा।
मोदी ने कहा, "महामारी से लड़ने के लिए भारत का दृष्टिकोण हमेशा विज्ञान आधारित रहेगा। हम अपने साथी नागरिकों को उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ा रहे हैं।"
‘कोवैक्सीन’ पर डाक टिकट जारी
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने टीकाकरण अभियान का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में रविवार को स्वदेश विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ पर एक डाक टिकट जारी किया। वीडियो लिंक के जरिए स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए मांडविया ने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है और पूरी दुनिया देश के कोविड टीकाकरण अभियान को देखकर दंग है।
वैक्सीनेशन : एक साल का सफरनामा
अभियान पिछले साल 16 जनवरी से तब शुरू हुआ था, जब पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मिंयों को टीके की खुराकें दी गई थीं। इसके बाद अग्रिम मोर्चे के अन्य कर्मिंयों के लिए टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ, जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थीं। अभियान के अगले चरण में 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से शुरू हुआ था। सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का दायरा एक मई 2021 से और बढ़ा दिया था।
इसके बाद 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से शुरू हुआ। भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदान कर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है।
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