केंद्र ने डिस्चार्ज नीति में किया बदलाव, कोरोना ने इन राज्यों ने बढ़ाई चिंता
केंद्र ने कोविड-19 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने, क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल, हल्के मामलों में घर के अंदर आइसोलेशन के लिए दिशानिर्देश में संशोधन की घोषणा की। साथ ही, कोविड जांच की रणनीति पर परामर्श जारी किया है।
![]() स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल |
संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य), लव अग्रवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "कोविड की स्थिति पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक के बाद हमने गंभीरता से हल्के और मध्यम मामलों में वर्गीकृत अपनी निर्वहन नीति को संशोधित किया है।"
उन्होंने कहा कि नीति हल्के कोविड-19 मामलों के घरेलू अलगाव के दिशानिर्देशों के अनुसार है।
स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में या होम आइसोलेशन में भर्ती होने वाले हल्के मामलों वाले मरीजों की नियमित स्वास्थ्य निगरानी की जाएगी। अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण की पुष्टि होने के कम से कम सात दिन बाद और लगातार तीन दिनों तक बुखार न होने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि छुट्टी से पहले जांच की कोई जरूरत नहीं है।
मध्यम श्रेणी के मरीजों, बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के लगातार तीन दिनों तक 93 प्रतिशत से अधिक सैचुरेशन वाले रोगियों को बिना किसी जांच के और डॉक्टरों की सिफारिश के अनुसार छुट्टी दी जा सकती है।
अग्रवाल ने कहा कि ऐसे मरीज जो लगातार ऑक्सीजन थेरेपी पर हैं, उन्हें लक्षणों का समाधान हो जाने के बाद, ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना लगातार तीन दिनों तक निर्धारित ऑक्सीजन सैचुरेशन बनाए रखने की क्षमता को देखते हुए छुट्टी दी जा सकती है।
अग्रवाल ने कहा कि इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड सहित गंभीर मामलों के लिए डिस्चार्ज पॉलिसी क्लिनिकल रिकवरी पर निर्भर करेगी, जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात मामलों में वृद्धि के आधार पर चिंतित करने वाले राज्य हैं।
अग्रवाल ने कहा, "डब्ल्यूएचओ के अनुसार डेल्टा पर ओमिक्रॉन का पर्याप्त विकास लाभ है। दक्षिण अफ्रीका, यूके, कनाडा, डेनमार्क के डेटा डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ती है।"
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि भारत में करीब 300 जिलों में कोरोना वायरस के लिए नमूनों की जांच में साप्ताहिक संक्रमण दर 5 प्रतिशत है, वहीं महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात चिंता वाले राज्यों के रूप में उभर रहे हैं।
सरकार ने यह भी कहा कि वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप सामान्य सर्दी-खांसी नहीं है, इसे हल्के में नहीं ले सकते और लोगों को सतर्कता बरतने तथा टीका लगवाने की जरूरत हैं, वहीं कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाते रहना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में कोविड-19 संक्रमण मे तेजी से इजाफा देखा गया है और नमूनों की जांच में संक्रमण की दर 30 दिसंबर को 1.1 प्रतिशत से बढ़कर बुधवार को 11.05 प्रतिशत हो गयी।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पूरी दुनिया में एक दिन में अब तक के सर्वाधिक मामले 10 जनवरी को आये जिनकी संख्या 31.59 लाख थी। अधिकारी ने कहा कि इस समय भारत में 300 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 5 प्रतिशत से अधिक है।
अग्रवाल ने बताया कि देश के 19 राज्यों में इस समय कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 10,000 से अधिक है और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात कोविड के मामलों में वृद्धि की वजह से चिंता वाले राज्यों के रूप में उभर रहे हैं।
टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए अधिकारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कहा कि टीके का प्रभाव अस्पतालों में रोगियों के भर्ती होने के मामले में महत्वपूर्ण नजर आता है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,94,720 नये मामले सामने आने के बाद बुधवार को संक्रमितों की कुल संख्या 3,60,70,510 हो गई है, जिनमें 4,868 मामले ओमीक्रोन स्वरूप के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 9,55,319 दर्ज की गई, जो पिछले 211 दिन में सर्वाधिक है। साथ ही, 442 और मरीजों की मौत होने से कोविड-19 से मृतकों की संख्या 4,84,655 पर पहुंच गई है।
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