कश्मीर : नहीं रुक रही घाटी में टारगेट किलिंग
घाटी में टारगेट किलिंग का सिलसिला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। अरसापूर्व तक आतंकवाद के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कश्मीर के बाद अब मध्य कश्मीर विशेषकर श्रीनगर आतंकियों के निशाने पर बना हुआ है।
![]() कश्मीर : नहीं रुक रही घाटी में टारगेट किलिंग |
हालांकि बीते साल अगस्त माह में कश्मीर पुलिस के प्रमुख ने श्रीनगर को आतंकवाद मुक्त घोषित किया था लेकिन विगत एक अरसे से श्रीनगर आतंकियों की गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है। सूत्रों की माने तो इस साल श्रीनगर व उसके आसपास आतंकियों के साथ सुरक्षा बलों की करीब 20 मुठभेड़ हो चुकी है जिनमें 15 आतंकियों को मार गिराया गया है। गत दिवस घाटी में दो टारगेट किंलिग हुई। इनमें दक्षिण कश्मीर के बीच पहाड़ा में राज्य पुलिस के एक एएसआई मोहम्मद अशरफ की मौत हो गई और दूसरा श्रीनगर के पुराने शहर इलाके के नवाकदल में एक स्थानीय नागरिक रऊफ अहमद खान की मौत हुई है। बताया गया कि इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के छद्म रूप टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है।
सूत्रों का कहना है कि सन 90 के दशक से पहले शुरू हुए आतंकवाद के अब तक के लंबे दौर में श्रीनगर करीब दो दशक बाद आतंकियों के लिए फिर से टारगेट पर बना हुआ है। काबिले गौर है कि इसी बीते सोमवार को प्रदेश की एकीकृत कमान की एक बेहद अहम बैठक हुई है। इसमें सरहद से लेकर घाटी के भीतरी सुरक्षा हालात को लेकर समीक्षा हुई और आने वाले दिनों में संभावित चुनौतियों को लेकर रणनीति बनाने पर गौर हुआ लेकिन आतंकियों द्वारा ठीक एक दिन बाद घाटी में दो जगह टारगेट किलिंग को अंजाम दे दिया जिसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा संज्ञान लिया है।
सूत्रों का कहना है कि आज केंद्रीय गृह मंत्रालय में इन टारगेट किलिंग तथा सुरक्षा की बाबत जम्मू कश्मीर के समूचे हालात को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई है। सुरक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि 14 अगस्त 2019 को दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों की एक बस पर पर हुए जैश-ए-मोहम्मद के बेहद घातक आत्मघाती हमले के बाद घाटी में बीते 13 दिसम्बर को श्रीनगर के ही बाहरी हिस्से पंथा चौक से जुड़ी जेवन क्रॉसिंग पर राज्य पुलिस की आम्र्ड फोर्स के जवानों की एक बस पर घात लगाकर दूसरा बड़ा हमला किया गया, जिसमें तीन पुलिसवालों की जान चली गई थी और करीब 14 जख्मी हुए थे।
जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में बीते साल 9 मुठभेड़ हुई थीं, जिनमें 20 आतंकी मारे गए थे। वहीं इस साल अभी तक सुरक्षाबलों ने करीब 20 मुठभेड़ों में 15 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है लेकिन वही श्रीनगर वे उसके आसपास हुए विभिन्न आतंकी हमलों में सात पुलिसकर्मी और करीब 10 नागरिक की मौत हुई है।
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